नई दिल्ली,8 फरवरी ( सं/वीएनआई)आज दुनिया भर में जिस तरह से नैतिक मूल्यों का पतन होता जा रहा है,एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना का महत्व कम होता जा रहा है, ऐसे में आज आवश्यकता है कि विशेष तौर पर युवाओं के बीच ्मानवीय मूल्यों को बढ़ावा दिया जाए और उनमें नैतिक मूल्यों को बढावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिस से ्समाज में सकारात्मकता को बल मिल सके । ऐसे दौर में इन मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने में शिक्षा और पुस्तकों की महत्वपूर्ण भूमिका और भी अहम हो जाती है, जो केवल व्यक्ति ही नहीं अपितु समस्त समाज में नैतिक मूल्यों को बढ़ाने में अपना योगदानता देती है। इस संदर्भ में "द जॉयफुल टेलिसमैन: कॉनवरसेशन ऑन ह्यूमन वैल्यूज फॉर अ जॉयफुल वर्ल्ड ) वेदाभ्यास कुंडू और मुनाज़ाह शाह द्वारा लिखित एक ऐसी पुस्तक है जो नैतिक मूल्यों और सकारात्मकता के माध्यम से व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास पर चर्चा करती है। लेखकों ने जीवन में संतुलन, लचीलापन और आंतरिक शांति प्राप्त करने के लिए आनंद की परिवर्तनकारी शक्ति की विशेषताओं की जानकारी दी है। पुस्तक ्बताती हैं कि कैसे आनंदमय बनने की प्रक्रिया हम में से ही उत्पन्न हो सकती है, लेकिन यदि हम सभी के लिए सम्मान की भावना रखने और दूसरों की गरिमा को महत्व देने जैसे स्वाभाविक मानवीय मूल्यों का पोषण नहीं करते हैं, तो कोई भी आनंदमयता की सुंदरता का अनुभव नहीं कर सकता है।
पुस्तक ऐसा ही जीवन जीने के लिये"आनंदमय मंत्र" का गुर देती हैं. पुस्तक के लेखकों के अनुसार " आनंदमयी मंत्र" हमें एक दिशा और अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जो न केवल प्रेरणादायक हैं बल्कि वास्तविक दुनिया के प्रयोग के लिए व्यावहारिक भी हैं। पुस्तक अधिक आनंदमय जीवन जीने, आंतरिक शक्ति की खोज और एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जीन का पाठ पढाती हैं। "आनंदमय मंत्र" किसी भी व्यक्ति के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करता है जो सकारात्मकता और आनंद की शक्ति को समझना और उसे अपने जीवन में लागू करना चाहता है।
आनंदमयी मंत्र की प्रमुख अवधारणा के प्रमुख स्तंभों में से एक है- करुणा। नैतिक जीवन का उद्देश्य निश्चित रूप से करुणापूर्ण के कार्यों के माध्यम से प्रकट होता है। पुस्तक में प्रयुक्त संवाद बताते हैं कि करुणा सभी के जीवन और प्रकृति से जुड़ी है। यह एक मनुष्य की दूसरे मनुष्य से निर्भरता का सार है।पुस्तक में प्रत्येक अध्याय में अंतर्दृष्टि पूर्ण सिद्धांतों को क्रियाशील ज्ञान परिवर्तित करने का प्रयास किया गया है, जिससे पाठकों के जीवन के दृष्टिकोण पर एक शक्तिशाली प्रभाव पड़ता है। पुस्तक के लेखक द्वय के अनुसार पुस्तक पाठकों को स्वयं की खोज और आत्म कल्याण की यात्रा पर ले जाती है उनका मार्गदर्शन करती है और दार्शनिक दृष्टि को व्यावहारिक रणनीतियों के साथ जीवन जीने की कला सिखाती है।
कुंडू और शाह के मानवीय मूल्यों पर आधारित इस पुस्तक की एक प्रमुख विशेषता यह है कि पुस्तक की आय के से गरीब लड़कियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी। इस ‘आनंदमयी मंत्र छात्रवृत्ति’ का उद्देश्य युवतियों में सामाजिक मूल्यों के महत्व के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित करना होगा। पूरी पुस्तक लेखकों के बीच बातचीत के रूप में प्रस्तुत की गई है। दरअसल " आनंदमयी मंत्र" हमें एक दिशा और अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जो न केवल प्रेरणादायक हैं बल्कि वास्तविक दुनिया के प्रयोग के लिए व्यावहारिक भी हैं। वी एन आई