हेल्थ इंश्‍योरेंस क्लेम अब फटाफटः एक घंटे के भीतर मिलेगी कैशलेस इलाज की अनुमति, डिस्चार्ज होने के 3 घंटे में होगा क्लेम निबटारा

By VNI India | Posted on 2nd Jun 2024 | मुद्दा
NHIR

नई दिल्ली  02 जून  (वीएनआई )  इंश्‍योरेंस रेगुलेटर (IRDAI) ने हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी होल्‍डर्स क़ॉ राहत देते हुए .पॉलिसी होल्डर्स के हित में बड़ा फैसला किया है. IRDAI ने गत बुधवार को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर एक मास्‍टर सर्कुलर जारी कर साफ तौर पर कहा है कि बीमा कंपनियों को पॉलिसी होल्डर्स की ओर से क्लेम का अनुरोध मिलने के एक घंटे के भीतर कैशलेस इलाज की अनुमति देनी होगी.

इसके  अलावा डिस्चार्ज अनुरोध  मिलने के तीन घंटे के अंदर बीमा कंपनियों को क्लेम  को निबटाना होगा. अगर तीन घंटे में क्लेम सेटलमेंट नहीं होता है तो बीमा कंपनी हॉस्पिटल फीस की भरपाई  खुद करेगी.

पहले जारी किए गए 55 सर्कुलर को निरस्‍त  ्करते हुए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर IRDAI का नया मास्‍टर सर्कुलर जारी हुआ है  जिसमे  IRDAI के द्वारा यह कहा गया है कि  कि ये पॉलिसी होल्‍डर्स के सशक्‍तिकरण और इनक्‍लूसिव हेल्‍थ इंश्‍योरेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है.

सर्कुलर में पॉलिसी होल्‍डर्स के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य बीमा  में पात्रताओं को आसानी से समझने के लिए एक जगह पर लाया गया है. साथ ही हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेने वाले पॉलिसी धारको को बिना रुकावट, तेज क्‍लेम नुभव  देने और इस सेक्‍टर में एडवांस्ड ्सेवा मानको  सुनिश्चित करने के उपायों पर जोर दिया गया है.

सर्कुलर में ्कहा गया है कि  गयाजिन पॉलिसी होल्डर्स के पास एक से ज्यादा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है, उनको वो पॉलिसी चुनने का मौका मिलेगा, जिसके तहत वो स्वीकार्य क्लेम अमाउंट प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही बीमाकर्ताओं (insurers) को प्रत्येक पॉलिसी दस्तावेज के साथ एक ग्राहक सूचना पत्र (CIS) भी देना होगा.

इलाज के दौरान ्बीमा धारकों  की मृत्यु की स्थिति में बीमा कंपनी, क्लेम अप्रूवल प्रोसेस के अनुरोध पर तुरंत कार्रवाई करेगा. साथ ही मृत व्यक्ति  के पार्थिव   शरीर को तुरंत अस्पताल से निकलवाएगा.

क्‍लेम निबटारे  के लिए, बीमा धारक  को कोई दस्तावेज़ जमा करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि बीमाकर्ता और TPA को अस्पतालों से जरूरी  दस्तावेज़ लेने होंगे.

पॉलिसी अवधि के दौरान कोई क्लेम  या दावा नहीं होने की स्थिति में बीमाकर्ता,  ्बीमा धारकों  को पारितोषिक के तौर पर बीमा राशि बढ़ाकर या प्रीमियम राशि में डिस्काउन्ट देकर ऐसे नो क्लेम बोनस को चुनने का विकल्प दे सकते हैं.

यदि  ्बीमा धारक  पॉलिसी अवधि के दौरान किसी भी समय अपनी पॉलिसी कैंसिल करने का विकल्प चुनता है, तो उसे समाप्त नहीं हुई यानी शेष पॉलिसी अवधि के लिए रिफंड मिलेगा.

सुवाह्यता अनुरोध या पोर्टेबिलिटी रिक्‍वेस्‍ट:भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो (IIB) पोर्टल पर  सुवाह्यता अनुरोध  या पोर्टेबिलिटी रिक्‍वेस्‍ट के संबंध में, IRDAI ने कहा कि मौजूदा बीमाकर्ता (Existing Insurer) और अधिग्रहण करने वाले बीमाकर्ता (Acquiring Insurers) के लिए कार्रवाई करने के लिए सख्त समयसीमाएं लगाई जा रही हैं.

यदि लोकपाल के आदेशों को 30 दिनों के भीतर लागू नहीं किया जाता है, तो बीमाकर्ता बीमा धारक को हर दिन 5,000 रुपये का भुगतान करेगा.

कुछ दिनों हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी को लेकर लोकल सर्कल्‍स का एक सर्वे आया था, जिसमें बीमा धारक ने नामन्ज़ूरी  समेत कई तरह की परेशानियों के बारे में बताया था.  आशा है कि IRDAI का नया सर्कुलर काफी हद तक इन प्रेशानियों को दूर करेगा.

गौरतलब है कि इससे पूर्व से पूर्व हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की उम्र सीमा हटा दी ्थी , पहले यह सीमा 65 वर्ष की थी  परन्तु अब 65 वर्ष से अधिक व्यक्ति भी स्वास्थ्य बीमा ले सकता है हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो चुके हैं IRDAI ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह पुरानी बीमारी के आधार पर किसी  व्यक्ति को बीमा पॉलिसी देने से इनकार नहीं कर सक्ती,  कंपनियां हार्ट,कैंसर, एड्स, किडनी आदि पुरानी व नयी  से जुड़ी बीमारियोंसे जुड़ी बीमारियों से ग्रसित  व्यक्ति को पॉलिसी देने से इनकार नहीं कर सकती.  हेल्थ इंश्योरेंस वेटिंग पीरियड को भी 48 माह से घटकर 36 माह कर दिया गया है, आर्थिक बोझ ना पड़े इसलिए बुजुर्गों को बीमा के प्रीमियम को किस्तों में अदा करने की छूट भी दी गई है



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