रूपहली दुनिया का झॉसा देने वाले विज्ञापन वाली कंपनियॉ सावधान !

By VNI India | Posted on 11th Dec 2024 | मुद्दा
CF

नई दिल्ली,11दिसंबर (वीएनआई) रूपहली दुनिया का झांसा देकर उपभोक्ता के साथ छल करने वाली कंपनियां सावधान और साथ ही उपभोक्ताओं को ऐसे विज्ञापनों के झांसे में ना आने की  एक बार फिर  से सीख....
ऐसा ही कुछ हुआ उस युवक के साथ, जिसने 79 रुपये में खरीदी गई एक क्रीम से अपने चेहरे पर गोरा होने का सपना देखा था, लेकिन क्रीम का असर शून्य रहा, लेकिन अंत में, उसे इंसाफ मिला, जब कंज्यूमर फोरम ने इमामी कंपनी पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया.मामला 2013 का है, जब एक युवक ने  गोरा होने के लियें  79  रुपये में  "इमामी  फेयर एंड हैंडसम" क्रीम खरीदी थी, जिसका दावा था कि यह क्रीम दिन में दो बार इस्तेमाल करने से गोरेपन में वृद्धि करेगी, लेकिन हकीकत में, क्रीम ने उसे ना  तो गोरा किया   बल्कि उस के अंदर  अपने साथ छल होने की भावना हावी होने लगी युवक ने महसूस किया कि यह विज्ञापन केवल एक छलावा था, और उसकी उम्मीदों के साथ खिलवाड़ किया गया था।
युवक ने महसूस किया कि यह विज्ञापन केवल एक छलावा था, और उसकी उम्मीदों के साथ खिलवाड़ किया गया था।

वह युवक निराशा और गुस्से के साथ कंज्यूमर फोरम के पास गया, और अपना मामला पेश किया।  कंज्यूमर फोरम ने उसके मुद्दे को गंभीरता से लिया। फोरम ने पाया कि क्रीम के प्रचार में किए गए दावे झूठे थे और उपभोक्ता को गुमराह किया गया था। इसके बाद, 9 दिसंबर को मध्य दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इमामी लिमिटेड पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, क्योंकि उन्होंने अपने प्रोडक्ट के प्रचार में भ्रामक जानकारी दी थी।

दरअसल एक चमकदार और आकर्षक पैकेजिंग, बड़े-बड़े दावे, और भरोसेमंद चेहरों से सजा प्रचार… ऐसे सभी झॉसों से   मानसिकता पर  भी गहरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन कभी-कभी, वास्तविकता इन उम्मीदों से बहुत अलग होती है। ऐसे में रास्ता हैं कि
जनता अपने अधिकारों को जाने  जब कंपनियां  जनता को गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिश करती हैं, तो जनता को उनके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। यही नहीं, यह भी दर्शाता है कि छोटी-सी शिकायत भी बड़ा बदलाव ला सकती है, और कभी-कभी हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ाई भी लड़नी पड़ती है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की जीत नहीं है, बल्कि यह सभी उपभोक्ताओं के लिए एक प्रेरणा है कि हम गलत व्यापारिक प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाएं और उनके खिलाफ न्याय प्राप्त करें।
 तेरह वर्ष बाद इस उपभोक्ता को जिस तरह से  अन्ततः न्याय मिला, इस से स्पष्ट होता है कि उपभोक्ता की शक्ति अब बढ़ चुकी है, और कंपनियों को यह समझना होगा कि झूठे प्रचार के जरिए लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता। वी एन आई


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