नई दिल्ली, 20 मार्च, (वीएनआई) एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए भारत सकार के खिलाफ एक याचिका दाखिल की है। याचिका में उन्होंने भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79(3)(बी) पर सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं,
एलन मस्क की कंपनी एक्स ने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि यह नियम एक गैरकानूनी और अनियमित सेंसरशिप सिस्टम बनाता है, जिसके तहत कंटेंट को ब्लॉक कर प्लेटफॉर्म के संचालन को प्रभावित किया जा रहा है। एक रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार धारा 79(3)(बी) की गलत व्याख्या कर रही है और ऐसे आदेश दे रही है, जो धारा 69ए के नियमों का पालन नहीं करते। इस धारा में बताया गया है कि सरकार किन परिस्थितियों में इंटरनेट के कंटेंट को ब्लॉक कर सकती है। साथ ही,कर्नाटक हाई कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में एक्स ने यह प्रावधान एक "अवैध समानांतर सामग्री-अवरोधन प्रक्रिया" बनाता है और 2015 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करता है। वहीं एक्स ने अपनी याचिका में 2015 के श्रेया सिंघल केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया है। श्रेया सिंघल फैसले में कहा गया था कि कंटेंट को केवल सक्षम न्यायालय के आदेश या धारा 69ए की संरचित प्रक्रिया के तहत ही ब्लॉक किया जा सकता है। यह प्रक्रिया आईटी मंत्रालय को राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा होने पर कंटेंट को ब्लॉक करने की अनुमति देती है।
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