वॉशिंगटन, 04 अगस्त, (वीएनआई) अमेरिका ने हफ्ते भर के अंदर चीन को दूसरा झटका देते हुए भारत को स्ट्रैटजिक ट्रेड ऑथराइजेशन-1 लिस्ट में शामिल कर लिया है। साथ ही उसने यह साबित कर दिया है कि भारत उसका अहम सहयोगी है। भारत इस लिस्ट में शामिल होने वाला पहला दक्षिण एशियाई देश है।
भारत को एसटीए-1 में शामिल होने के बाद अब हाइ-टेक्नॉलजी प्रॉडक्ट्स की बिक्री का रास्ता आसान हो जाएगा, खासतौर पर सिविल स्पेस और डिफेंस सेक्टरों में। इससे पहले अमेरिका ने रक्षा विधेयक पास किया था जिसके तहत भारत के साथ रक्षा भागीदारी मजबूत करने की बात कही गई थी तो वहीं चीन को दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समुद्री युद्ध ड्रिल रिम ऑफ द पसिफिक एक्सरसाइज का हिस्सा बनने से रोके जाने का प्रावधान किया गया। इसके अलावा पेइचिंग की कंपनियों को रक्षा तथा सुरक्षा क्षेत्र के लिए कुछ दूरसंचार उपकरणों तक पहुंच से रोकते हैं।
जापान और दक्षिण कोरिया के बाद भारत तीसरा एशियाई देश है जिसे अमेरिका ने यह दर्जा दिया है। पूरी दुनिया में भार 37वां देश है जिसे एसटीए-1 का दर्जा मिला है जो आमतौर पर अमेरिकी नाटौ सहयोगियों को देता है। बीते गुरुवार को जारी संघीय अधिसूचना में ट्रंप प्रशासन ने भारत को छूट दी है। गौरतलब है कि भारत को अभी तक न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप का सदस्य नहीं बनाया गया है।
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