संयुक्त राष्ट्र, 7 फरवरी (वीएनआई)| पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बार फिर कश्मीर मुद्दे का राग अलापते हुए परिषद पर अपने प्रस्तावों के चयानात्मक कार्यान्वन का आरोप लगाया है।
पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने मंगलवार को परिषद में एक सत्र के दौरान कहा, अपने प्रस्तावों के चयनात्मक क्रियान्वन से सुरक्षा परिषद की साख पर जितना बट्टा लग रहा है, उतना और किसी चीज से नहीं लग सकता। लोधी ने कहा, इसलिए परिषद को अपने प्रस्तावों की समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए, खासतौर पर जम्मू एवं कश्मीर विवाद जैसे लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों की।
लोधी का संदर्भ 1948 के एक यूएन रेजोल्यूशन से था, जिसमें कश्मीर के भविष्य का फैसला करने के लिए जनमत संग्रह कराने की बात की गई थी। साथ ही परिषद के कश्मीर मुद्दे से जुड़े अन्य प्रस्तावों में जनमत संग्रह की देखरेख करने के लिए एक आयोग गठित करने का भी प्रस्ताव था। भारत का कहना है कि 1972 के शिमला समझौते के तहत दोनों देशों के बीच बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के अपने विवादों को सुलझाने पर सहमति बनी थी। उल्लेखनीय है कि 2010 में परिषद ने कश्मीर मुद्दे को अनसुलझे अंतर्राष्ट्रीय विवादों की सूची से हटा दिया था।
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