यंगून, 04 सितम्बर, (वीएनआई) म्यांमार में पत्रकारों की सजा पर आंग सान सू की चुप्पी को लेकर एक अधिकारी ने सू की का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि वह न्यायपालिका की आलोचना नहीं करना चाहती।
गौरतलब है म्यांमार में रॉयटर के पत्रकारों को जेल की सजा पर पूरे विश्व में आलोचना हो रही है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अमेरिका ने इस पर अपनी अप्रसन्नता जतायी। आंग सान सू की ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है, जिससे फैसले पर उनकी चुप्पी की व्यापक आलोचना हुई है। गौरतलब है सू की स्वयं 15 वर्षों तक घर में नजरबंद रहीं। सू की अपनी दिक्कत को रेखांकित करने के लिए स्वयं विदेशी मीडिया पर निर्भर रहीं हैं।
गौरतलब है रॉयटर के पत्रकारों वा लोने और क्याव सो ओ को गत वर्ष तब गिरफ्तार किया गया था जब वे सेना द्वारा करीब 700,000 रोहिंग्या मुस्लिमों को बाहर करने के दौरान उन पर किये गए अत्याचारों की रिपोर्टिंग कर रहे थे। वहीं यंगून की एक अदालत ने बीते सोमवार को दोनों को सरकारी गोपनीयता कानून के तहत दोषी पाया और उन्हें सात-सात वर्ष की सजा सुनाई।
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