मोदी पुतिन अहम शिखर वार्ता-बहुचर्चित कुडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की की अंतिम दो इकाइयों के लिए समझौता होने की उम्मीद-उभयपक्षीय सहयोग के बारह अन्य समझौतो पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद

By Shobhna Jain | Posted on 1st Jun 2017 | विदेश
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सेंट पीटर्सबर्ग/नई दिल्ली,१ जून ( शोभनाजैन/वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस की राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के बीच होने वाली बहुचर्चित शिखर वार्ता मे आज भारत के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र, तमिलनाडु स्थित कुडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की की अंतिम दो इकाइयों के लिए रूस की मदद से जुड़े करार पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. प्रधान मंत्री मोदी व रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच आज अठारहवे भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन हो रहा है जिसमें दोनों पक्षो केबीच १२ अहम समझौतो पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है लेकिन इस मे सबसे अहम तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 5 और 6 के निर्माण के लिए ऋण सहायता पर प्रस्तावित समझौता है. सूत्रो के अनुसार इस समझौते के विस्तृत ब्यौरे ्पर दोनो पक्षो के बीच व्यापक बातचीत के बाद लगभग सहमत हो गई है. संयंत्र की सभी इकाईयो का निर्माण भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और रूसी परमाणु संयंत्रों की नियामक संस्था साटॉम की सहायक कंपनी एटम्सस्ट्रॉय एक्सपोर्ट कर रहे हैं.इससे पहले अक्तूबर 2016 में गोवा में द्विपक्षीय सम्मेलन में भी यह समझौता केंद्रबिंदु था. और यह समझौता होने ही वाला था लेकिन अंतिम समय मे बात नही बन पाई. यह करार हो जाने पर एक-एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाली दोनों ईकाइयां देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन को महत्वपूर्ण तरीके से बढ़ाएंगी. वर्तमान में भारत के सभी 22 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की बिजली उत्पादन क्षमता 6,780 मेगावाट है. गौरतलब है कि अक्तूबर 2015 में मोदी और पुतिन के एक संयुक्त बयान में दिसंबर 2016 तक परमाणु इकाइयों पर जनरल फ्रेमवर्क समझौते का वादा किया गया था. अंतर-मंत्रालयी समूह की मंजूरी के बाद इसे स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा गया, लेकिन रूस की ओर से दिए जाने वाले क्रेडिट प्रोटोकॉल (आर्थिक मदद) अवरोध साबित हो गया. इसके अलावा हाल ही में पाकिस्तान और चीन के साथ रूस की करीबी बढ़ी है, जिसके चलते भारत के पारंपरिक दोस्त रूस के आर्थिक रिश्ते जटिल हुए हैं. भारत रूस के राजनयिक संबंधो की स्थापना की ७० वी वर गांठ पर होने वाली प्रधान मंत्री मोदी की रूस यात्रा काफी अहम मानी जा रहे है पीएम मोदी ने ट्वीट कर पीटर्सबर्ग पहुंचने की जानकारी दी. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी इस यात्रा से भारत-रूस के रिश्ते मजबूत होंगे. इससे पूर्व आज रूस यात्रा पर पहुचते ही प्रधान मंत्री ने यहा के ऐतिहासिक सेंट पीटर्सबर्ग में द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. द्वितीय विश्व युद्ध में लेनिनग्राद पर हमले के दौरान शहीद हुए करीब पांच लाख सैनिकों की स्मृति में ्बनाये गये ऐतिहासिक पिस्कारेव्स्की द्वितीय युद्ध शहीद स्मारक पर प्रधान मंत्री ने पुषपचक्र अर्पित किये. कल पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में शामिल होंगे. यह पहली बार है, जब भारत इस बिजनेस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है. इसमे लगभग भारत की ७० कंपनियो के सी ई ओ हिस्सा ले रहे है सूत्रो के अनुसार शिखर वार्ता मे दोनों देशों के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रेलवे, सांस्कृतिक आदान-प्रदान समेत अन्य क्षेत्रों में 12 समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है . दोनों नेता एक विजन डॉक्यूमेंट भी जारी करेंगे. रूस के बाद फ्रांस के लिए होंगे रवाना 2 जून को मोदी यात्रा के आखिरी पड़ाव के लिए फ्रांस रवाना होंगे. यहां पेरिस में फ्रांस के नए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से चर्चा करेंगे. इस दौरान दोनों देशों का स्ट्रैटजिक रिलेशन मजबूत होने की उम्मीद है। दोनों देश आतंकवाद से पीड़ित हैं.इसलिए बातचीत में यह अहम मुद्दा हो सकता है.

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