नई दिल्ली,10 अगस्त(वी एन आई) इंगलेंड के विदेश और राष्ट्रमंडल मामलों के लॉर्ड तारिक अहमद ने कहा है कि व्यापार ्का एक प्रमुख सिद्धांत है - श्रमिकों का सम्मान और प्रतिष्ठा और इस मे महिलाओ को बराबर का सम्मान मिलना चाहिये.कार्यस्थलो में स्त्री पुरूष समानता के लिए भारत ब्रिटेन में सहयोग की चर्चा करते हुए लार्ड अहमद ने आज यहा गुरुग्राम में भारत की अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद - एईपीसी) के कार्यालयों में "कार्यस्थल में लिंग समानता" कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत की.उन्होने कहा कि उन्हे इस नए कार्यक्रम को शुरू करने में खुशी हो रही है, जो व्यापार के एक प्रमुख सिद्धांत की पुष्टि करता है, और वह है - श्रमिकों का सम्मान और प्रतिष्ठा, जिनमें से कई लोग प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की सेवा आपूर्ति श्रृंखला में काम करते हैं। ुन्होने कहा कि मानवाधिकार और पेशेगत शिकायतो को ले कर इंगलेंड अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ, और एक उत्पादक शक्ति के रूप में भारत की बढ़ती स्थिति, से ्दोनो देश स्वाभाविक साझेदार बन गए हैं। "
कार्यक्रम का उद्देश्य वस्त्र उद्योग से जुड़े श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता, शिकायतों की रिपोर्टिंग और समाधान प्रक्रिया में सुधार लाना है I ब्रिटेन के विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय द्वारा वित्त पोषित, और प्रमुख ब्रिटिश ब्रांडों एवं भारतीय निर्माताओं के साथ साझेदारी में, इस कार्यक्रम से भारत भर में 10 कारखानों की 10,000 महिलाओं को लाभ होगा।
परियोजना का पहला चरण 2016 में बैंगलोर से शुरू हुआ था, जिससे दो कारखानों में 2000 महिला श्रमिकों को लाभ मिला। इस परियोजना ने श्रमिकों को प्रशिक्षित करने के लिए फोकस-समूह चर्चाओं, थिएटर कार्यशालाओं, कला प्रतिष्ठानों और महिला कार्यकर्ताओं, पुरुष पर्यवेक्षकों और प्रबंधन टीमों के साथ परस्पर संवाद-सत्रों का इस्तेमाल किया एवं शिकायतों की रिपोर्ट और समाधान के तरीकों के बारे में भी बताया। इस पहले कार्यक्रम की सफलता ने एफसीओ (विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय) और उसके सहयोगियों को 2017 में इसके दायरे को पांच गुना बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि नए भागीदारों को शामिल किया जा सके।
ए ई पी सी के अध्यक्ष अशोक रजनी ने कहा कि लोर्ड विबंलडन की यात्रा ब्रिटेन और भारत के साझा मूल्यों की सबूत है. इस क्षेत्र के संरक्षक के तौर पर, जो केवल महिला कर्मचारियों को 3 अरब डॉलर का भुगतान मजदूरी के रूप में करती है, एईपीसी कई अन्य पहलों के तहत, आंतरिक शिकायत समिति के साथ साथ, वस्त्र उत्पादन इकाइयों की स्थापना और जागरूकता फैलाने एवं कार्यस्थलों को सक्षम बनाने में सक्रिय रूप से काम कर रही है। हम ना केवल रोजगार के महत्व पर जोर दे रहे हैं, बल्कि हमारे 175 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से शिक्षा और प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराते हैं।"
भारत में सबसे बड़े जी-20 निवेशक और एफडीआई के अंतर्गत सर्वाधिक नौकरी प्रदाता के रूप में, यूके नैतिक एवं समान व्यापार और रोजगार के महत्व को स्वीकार करता है। इस आधिकारिक शुरुआत को वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद और परिधान क्षेत्र के प्रमुख साझेदारों द्वारा सहायता दी जा रही है।
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