नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (वीएनआई) वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए अपने प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिला। उनके साथ ही माइकल क्रेमर ने संयुक्त रूप से 2019 नोबेल पुरस्कार जीता।
नोबेल कमेटी ने कहा, इस साल लॉरेट्स द्वारा किए गए शोध ने वैश्विक गरीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में काफी सुधार किया है। केवल दो दशकों में, उनके नए प्रयोग-आधारित दृष्टिकोण ने अर्थशास्त्र के विकास को बदल दिया है। इससे अनुसंधान के फील्ड में नई प्रगति आयी है।
गौरतलब है कि 58 वर्षीय बनर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उन्होंने 1988 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। अभिजीत बनर्जी ने एमआईटी की लेक्चरर डॉक्टर अरुणधती तुली बनर्जी से शादी की थी, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया। इसके बाद अभिजित ने साल 2015 में अर्थशास्त्री एशर डफलो के साथ विवाह किया।
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