दोहा 14 दिसंबर (वीएनआई) कतर मे कल से विदेशी श्रमिको के हितो के अनुकूल एक नया कानून लागू हो गया है जिसके तहत उन्हे नौकरी बदलने से पहले पुराने मालिक की अनुमति लेना ज़रूरी नही है अभी तक वहां विदेश से आए किसी कामगार को अपनी नौकरी बदलने के लिए 'मालिक' से मंज़ूरी लेनी पड़ती है. इस तरह की'बंधुआ मज़दूरी जिसे क़तर मे 'कफ़ाला सिस्टम' कहा जाता है सोमवार से बंद हो गया और ्कल यानि मंगलवार से नया कानून लागू हो ्गया. इससे पूर्व मानवाधिकार संगठन एम्नेस्टी इंटरनैशनल का कहना था कि कामकाज की खराब परिस्थितियों के कारण इनमें से कई मज़दूरों को जान गंवानी पड़ी है.
क़तर मे अभी तक कामगार अपने उस नियोक्ता की मर्जी के बगैर नौकरी नहीं बदल सकता था जिसने क़तर में उसकी नौकरी प्रायोजित की हो.क़तर के कानून मंत्री इसा-अल-नुआमी के अनुसार नया क़ानून करार पर आधारित होगा और यह पहले से ज़्यादा सुगम और सुरक्षित होगा.
गौरतलब है कि क़तर मे बड़ी संख्या मे भारतीय, नेपाली और बंग्लादेशी कामगार है, 2022 के फुटबॉल वर्ल्ड कप की तैयारियों के मद्देनजर क़तर में लाखों मज़दूरों को काम मिला है.