पति की मौत के बाद राजनीति में सक्रिय हुईं नेपाल की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति

By Shobhna Jain | Posted on 29th Oct 2015 | विदेश
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नई दिल्ली 29 अक्टूबर (वीएनआई)नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति निर्वाचित हुई विद्या देवी भंडारी यूं तो राजनीति मे चार दशक पहले ही आ चुकी थीं पर अपने पति मदन भंडारी की मौत के बाद वो राजनीति में ज़्यादा सक्रिय हुईं. सीपीएन-यूएमएल पार्टी के दिवंगत महासचिव मदन भंडारी की 1993 में मौत हो गई थी. विद्या ने 1979 में एक वामपंथी छात्र आंदोलन से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. इसके बाद वह सीपीएन -एमएल की सदस्य बनीं. इस दौरान वे अंडरग्राउंड हो गईं और उन्होंने मोरंग जिले से पार्टी विहीन पंचायत तंत्र के खिलाफ संघर्ष किया राष्ट्रपति बनने से पूर्व विद्या देवी भंडारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) की उपाध्यक्ष ्थी.राष्ट्रपति के चुनाव में उन्होंने नेपाली कांग्रेस के प्रत्याशी कुल बहादुर गुरुंग को हराया. विद्या देवी को 549 में से 327 वोट और कुल बहादुर गुरुंग को 214 वोट मिले. 54 वर्षीया विद्या देवी भंडारी, राम बरन यादव का स्थान लेंगी, जो कि 2008 में देश के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति बने थे.मिलनसार स्वभाव की विद्या देवी को राष्ट्रपति चुनाव में एक दर्जन से भी ज़्यादा पार्टियों का समर्थन मिला. इससे पूर्व भी वो कई दिग्गजों को अनेक चुनावों मे शिकस्त दे चुकीं हैं उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री कृष्णप्रसाद भट्टाराई के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वह एक साल तक सांसद रहीं. उन्होंने 1994 और 1999 में लगातार दो संसदीय चुनाव जीते. विद्या को फरवरी 2009 और जुलाई 2014 में क्रमश: सीपीएन-यूएमएल के आठवें एवं नौवें सम्मेलन में पार्टी का उपाध्यक्ष चुना गया. वह जनवरी, 1998 में हुए पार्टी के छठे राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद से उसकी केंद्रीय समिति की सदस्य थीं. वो वह 25 मई, 2009 से छह फरवरी, 2011 के बीच माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व वाली सरकार में रक्षामंत्री भी रह चुकी हैं.

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