नई दिल्ली,२७ दिसंबर (वी एन आई) विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने आज कड़े शब्दो मे नार्वे मे वहा के अधिकारियो द्वारा माता-पिता की गोद से 'छीन' लिये गये भारतीय मूल के पॉच वर्षीय अबोध आर्यन को वापस उस के जन्मदाता माता पिता को सौंपे जाने की मॉग करते हुए कहा कि वे इस तर्क को कतई स्वीकार नही कर सकती है कि बच्चे की देख भाल कर रहे दत्तक माता पिता जन्म दाताओ से बेहतर देखभाल कर सकते है.उन्होने कहा कि दत्तक अभिभावक भारतीय संस्कृति और खान पान की आदतो से पूरी तरह से अनजान रहते है. विदेशमंत्री ने आज इस मामले मे माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर एक के बाद एक अनेक ट्वीट कर लिखा, "हम चाहते हैं कि आर्यन को उसके जैविक माता-पिता को लौटाया जाए... हम मजबूती से इसी रुख पर डटे हैं, और भारतीय राजदूत यही बात नॉर्वे के अधिकारियों को बताएंगे..." इस मामले पर नॉर्वे मे भारतीय राजदूत देव राज प्रधान ाज फिर आर्यन के मामले पर नॉर्वे के अधिकारियो से मिल रहे है.
दरअसल, आर्यन को नॉर्वे के अधिकारियों ने उसके माता-पिता से छीन लिया था, क्योंकि अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि मॉ बाप बच्चे के साथ मार-पीट की जाती थी. सुषमा स्वराज ने आज कड़ी भाषा में एक के बाद एक कई ट्वीट लिखे, और कहा कि आर्यन को उसके परिवार को लौटाया जाना चाहिए.
अनिल कुमार तथा गुरविंदरजीत कौर के बेटे आर्यन को 13 दिसंबर को यह आरोप लगाते हुए नॉर्वे सरकार की देखरेख में किसी स्थानीय युगल को सौंप दिया गया था. अधिकारी उसे ओस्लो स्थित किंडरगार्टन स्कूल से ही अपने साथ ले गए थे, तभी से बच्चा उन के पास ही है ,और माता पिता और उनके संबंधी लगातार भारत सरकार से बच्चे को वापस लाने की गुहार कर रहे है और सरकार लगातार इस बच्चे को उस के माता पिता को वापस दिलवाने के लिये प्रयास रत है.
आर्यन के माता-पिता को बताया गया था कि बच्चे को मारे-पीटे जाने के शिकायतें उन्हें मिली थीं. इन आरोपों को लेकर गुरविंदरजीत कौर से कथित रूप से कई घंटे तक पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्होंने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार करते हुए लिखा. माता-पिता का कहना है कि फोस्टर केयर में आर्यन को ढंग का भोजन नहीं दिया जा रहा है.
इसके बाद सुषमा स्वराज पूरी तरह माता-पिता के समर्थन में सामने आईं.
गुरविंदरजीत कौर अभी तक भारतीय नागरिक हैं, लेकिन अनिल कुमार तथा आर्यन नॉर्वे के नागरिक हैं. गुरविंदरजीत कौर का आरोप है कि अपने जैविक माता-पिता से दूर आर्यन ठीक नहीं रह पा रहा है, और उसे ढंग का भोजन नहीं दिया जा रहा है, क्योंकि उसे भारतीय भोजन के स्थान पर दलिया और ब्रेड खिलाया जा रहा है.
सुषमा स्वराज ने आर्यन से जुड़े मामले में नॉर्वे में भारतीय राजदूत देबराज प्रधान से रिपोर्ट तलब की है.
नॉर्वे में हालिया सालों के दौरान भारतीय मूल के माता-पिता से मिलते-जुलते आरोपों में उनका बच्चा छीन लिए जाने की यह तीसरी घटना है. वर्ष 2011 में तीन साल और एक साल के दो बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया था, हालांकि बाद में नॉर्वे की एक अदालत ने बच्चों को माता-पिता के पास लौटने की अनुमति दे दी थी.
दिसंबर, 2012 में भी एक भारतीय युगल को अपने सात साल और दो साल उम्र के दो बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में जेल भेज दिया गया था, और उन बच्चों को भारत के हैदराबाद में रहने वाले दादा-दादी के पास भेज दिया गया था.