लखनऊ /नयी दिल्ली,17 सितंबर (वीएनआई) मुलायम परिवार में मचा घमसान फिलहाल थम गया है लेकिन परिवार के बीच यह सुलह स्थाई है या असंतोष अंदर चल रहा है, यह कह पाना मुश्किल है. सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कल इस मामले मे सार्वजनिक तौर पर चुप्पी तोड़ते् हुए कहा कि परिवार में मतभेद नहीं है और उनके रहते पार्टी में फूट का सवाल ही नहीं है. इसके साथ ही उन्होने सीएम अखिलेश यादव का फैसला पलटते हुए बरखास्त किये गये खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ हुई कार्रवाई वापस लेने का एलान किया साथ ही यह भी खबर है कि अखिलेश के चाचा श्री शिवपाल सिंह यादव को पुराने सभी मंत्रालय वापस किये जायेंगे, जिन्हे अखिलेश ने परसो उनसे ले लिये थे . श्री मुलायम ने इस सुलह अभियान के बीच कहा कि उम्मीद है सीएम उनकी बात को नहीं काटेंगे. अखिलेश ने हालांकि कहा कि बेटा और सी एम होने के नाते नेताजी के निर्णय को स्वीकार करना मेरी जिम्मेदारी है लेकिन साथ ही अखिलेश ने यह भी कह डाला किउनसे जिस तरह से प्रदेश अध्यक्ष का पद छीना गया उसके बारे मे कोई चर्चा नही हो रही है.अखिलेश ने दो टूक कहा कि वह चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण का अधिकार उन्हें मिले. मैं तो कहता हूं कि मैं चाचा को सारे विभाग वापस दे दूंगा, लेकिन टिकट वितरण का अधिकार अपने पास रखूंगा, क्योंकि चुनाव में परीक्षा तो मेरी ही होनी है. उन्होंने परिवार में मतभेद कराने का ठीकरा राज्यसभा सदस्य अमर सिंह पर फोड़ते हुए कहा कि आप सभी जानते हैं कि वह बाहरी व्यक्ति कौन है. मैंने नेताजी से कह दिया है, यदि हमारे बीच कोई बाहरी व्यक्ति आता है, तो उसे बाहर कर दिया जायेगा. अखिलेश ने यह बात एक टी वी न्यूज चेनल मे कही
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपी व श्री मुलायम सिंह के गरीबी अपने केबीनेट मंत्री प्रजापति को 12 सितंबर को बरखास्त कर दिया था. इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश व शिवपाल यादव ने कल सपा सुप्रीमो से मुलाकात की. इसके बाद मुलायम ने पार्टी राज्य मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं से कहा कि कोई मतभेद नहीं है. मीडिया ने इसे बड़ा रूप दिया है. बहुत सी शक्तियां हैं, जो नहीं चाहती, कि हमारे परिवार में एकता रहे. वैसे परिवार में कभी-कभी कुछ देर के लिए मतभेद हो जाया करते हैं.
कुछ महीनों से गंभीर मतभेदों से घिरते मुलायम परिवार का द्वंद्व गत 13 सितंबर को उस समय बढ़ गया था, जब सीएम अखिलेश ने प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया था. सिंह कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के करीबी समझे जाते हैं. मुलायम ने भी पलटवार करते हुए बेटे अखिलेश से प्रदेश सपा अध्यक्ष का पद छीन कर शिवपाल को दे दिया था, लेकिन कुछ ही घंटों में अखिलेश ने शिवपाल से महत्वपूर्ण विभाग छीन लिये थे. फिर शिवपाल ने कैबिनेट व अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कल एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने पर खराब लगा था और आपने उसका असर भी देखा. मैं नेताजी से मिल कर यहां आया हूं. सपा आज भी एक परिवार है. रामगोपाल यादव, अखिलेश व शिवपाल यादव के बीच कोई झगड़ा नहीं है. अखिलेश ने दो टूक कहा कि वह चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण का अधिकार उन्हें मिले. मैं तो कहता हूं कि मैं चाचा को सारे विभाग वापस दे दूंगा, लेकिन टिकट वितरण का अधिकार अपने पास रखूंगा, क्योंकि चुनाव में परीक्षा तो मेरी ही होनी है. उन्होंने परिवार में मतभेद कराने का ठीकरा राज्यसभा सदस्य अमर सिंह पर फोड़ते हुए कहा कि आप सभी जानते हैं कि वह बाहरी व्यक्ति कौन है. मैंने नेताजी से कह दिया है, यदि हमारे बीच कोई बाहरी व्यक्ति आता है, तो उसे बाहर कर दिया जायेगा.
सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने बाद मे इसी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ तल्खी के पीछे अमर सिंह का हाथ होने संबंधी चर्चाओं पर कहा कि अमर ऐसा नुकसान नहीं पहुंचा सकते. रही बात बाहरी के दखल की, तो इसमें अखिलेश को अक्ल का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसे बाहरी लोग हम सबके बीच हैं. भतीजे अखिलेश के साथ सभी गलतफहमियां दूर होने का दावा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद की कभी लालसा नहीं रही. यदि सपा अगले चुनाव में भी सत्ता में आती है, तो वह अखिलेश को फिर से सीएम बनाने का प्रस्ताव रखेंगे. हां, यह जरूर है कि कुर्सी पर बैठने के बाद अहंकार नहीं आना चाहिए , क्योंकि यह नेतृत्व ने दी है. यह भी कहा कि अखिलेश को और अनुभव लेना चाहिए और उनसे उनके अनुभव की सीख लेनी चाहिये.्वी एन आई