मांट्रियल,6 ्जनवरी( वीएनआई) बड़े बूढे कहते रहे है अगर इरादा पक्का और नेक है , और आप अपने लक्ष्य को पाने के लिये जी जान से जुटे हो तो वह आपको हासिल होगा ही. यह किसा बहुत कुछ ऐसा ही है लेकिन इरादे को पाने की राह शायद नेक नही कही जा सके बहरहाल उसकी प्राप्ति से एक नेक काम पूरा भी हुआ.
अकनाडा की एक महिला ने एक ऐसे नंबर पर लॉटरी जीती है जिस पर वो करीब 30 साल से दाँव लगा रही थीं. और ये नंबर उन्होंने सपने में देखा था.
नोवा स्कॉटिया में रहनेवाली ओलगा बेनो ने 39 लाख डॉलर यानी लगभग 26 करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार जीता है.इस जीत के पैसे पर दो मत हो सकते है क्योकि यह पैसा उन्होने लॉटरी से जीता था इसे कुछ लोग जुआ मानते है
अटलांटिक लॉटरी जीतने वाली ओलगा बताती हैं कि 1989 के मई में उन्होंने सपने में एक नंबर देखा और ये भी देखा कि वे लॉटरी जीत गई हैं. तब से वे हर साल इसी नंबर पर अपनी किस्मत आज़माती रहीं.
वे कैंसर की मरीज हैं औरआब जीती गई ये राशि उनके लिए बड़ी राहत बन कर आई है. इलाज के लिए उन्हें अपना घर भी बेचना पड़ा था. अब वे इस पैसे से न/ न केवल अपना एलाज करवायेगी बल्कि एकआराम्दायक आलीशान घर खरीदने वाली हैं.
ओलगा बेनो बताती हैं, "मुझे ये नंबर जुबानी याद था. जब ड्रॉ हुआ तो ये नंबर टेलीविज़न स्क्रीन पर दिखाया गया. मुझे लगा मेरी नज़र कमज़ोर है, ऐसा कैसे हो सकता है. फिर मैं इसे भूल गई."
अगले दिन उन्होंने जब सुबह सुबह अखबार देखा तो पाया कि ये वही नंबर है जिसने लॉटरी जीती है.
उन्होंने कहा,"पहले तो विश्वास नहीं हुआ. लगा अखबार वालों से गलती हो गई होगी. फिर अपनी बहन को इसके बारे में बताया. "
"उसे भी यकीन नहीं हुआ. उसने कहा, जब तुम सच बताना चाहो मुझे फोन कर लेना."
बेनो सहित दो लोगों ने 28 दिसंबर को हुए ड्रा में 53 लाख कैनेडियाई डॉलर जीते हैं. लॉटरी जीतने वाला दूसरा टिकट पश्चिमी कनाडा में खरीदा गया.
्गौरतलब है कि दस साल पहले डॉक्टरों ने उन्हें कैंसर बताया था. वह भी चौथे चरण पर पहुंच चुका था. फिर इलाज के लिए घर बेचना पड़ा.
कैंसर से लड़ने में उनके पति, बच्चे और पोते-नातियों ने भरपूर मदद की.
अब उनका इरादा सबको डिज़्नी वर्ल्ड की सैर कराना है
(पाठक इस लेख पर कृप्या अपने सक्षिप्त कमेंट editor@vniindia.com पर भेजे)