काबुल,14 अप्रैल (वीएनआई)। अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में कल रात हुए भीषण अमेरिकी बम हमले में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के 36 आतंकवादी मारे गए हैं। अमेरिकी सेना ने आईएस के ठिकानों पर कल शक्तिशाली जीबीयू-43 बम गिराया था। अपनी मारक क्षमता के कारण इस बम को 'मदर ऑफ ऑल बांब्स' कहा जाता है।
अमेरिकी सेना ने सबसे बड़े गैर परमाणु 10 टन के इस बम को नांगरहार प्रांत के आचिन जिले में कल आईएस की गुफाओं-सुरंगों पर गिराया।
अफगानिस्ता के रक्षा मंत्रालय के एक बयान में बताया गया, "इस कार्रवाई में आईएस का एक मुख्यालय, तीन ठिकाने, कई तहखाने और गहरी सुरंगों के साथ साथ भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद नष्ट हुए हैं।"
बयान में बताया गया, "इस कार्रवाई में किसी भी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा है। यह जिले के असदखील क्षेत्र के मोहमंद दारा गांव में हुई।"
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह बमबारी अफगानिस्तानी सुरक्षा बलों के तालमेल के साथ की गई।
अमेरिकी सेना-अफगानिस्तान ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान और अमेरिकी सुरक्षा बलों के कम से कम नुकसान को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र से आतंकी गतिविधि के सफाये के लिए यह हमला किया गया। हमले में आईएस लड़ाकुओं और उनकी सुविधाओं के अधिकतम नुकसान की कोशिश की गई।
बयान में कहा गया है, "हमले के दौरान अमेरिकी सुरक्षा बलों ने नागारिकों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव सावधानी बरती। अमेरिकी सुरक्षा बल लगातार इस तरह के ऑपरेशन चलाते रहेंगे, जब तक कि आईएस अफगानिस्तानसे नष्ट नहीं हो जाता।"
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने आईएस पर इस हमले का स्वागत किया।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति आवास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "इस हवाई हमले के दौरान नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए सावधानी बरती गई।"
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के बाद कहा कि यह बमबारी 'एक और सफल काम है।'
ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल के महीनों में यह तीसरा प्रमुख सैनिक कदम उठाया गया है। इससे पहले यमन में सैनिक कार्रवाई हुई थी, जिसमें कई नागरिक और एक अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इसी तरह पिछले हफ्ते अमेरिका द्वारा सीरिया के हवाईअड्डों पर अचानक हमला किया गया था।
अफगानिस्तान के अमेरिका में राजदूत हमदुल्लाह मोहिब ने कहा, "पिछले हफ्ते लड़ाई के तेज होने के बाद मैसिव ऑर्डनेंस एयर ब्लॉस्ट बाम्ब (एमओएबी) को गिराया गया।"
अमेरिका और अफगान सुरक्षा बल इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पा रहे थे क्योंकि आईएस ने इस क्षेत्र में बारूदी सुरंगें लगाई हुई थीं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान की सरकार के साथ काम कर रहा है। इस क्षेत्र में हमारे साझीदार किसी भी आतंकी संगठन, जिसमें आईएस भी शमिल है, को नाकाम बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसमें आतंकियों को सुरक्षित ठिकानों या किसी भी जमीनी मदद से वंचित करना भी शामिल है।