जर्काता,२ मई (वी एन आई) सबसे ज्यादा उम्रदराज होने का दावा करने वाले बुजुर्ग का, 146 वर्ष की आयु में निधन हो गया। यह व्यक्ति इंडोनेशिया का रहने वाला था और वहीँ इसकी मृत्यु भी हुई। इंडोनेशिया दावा करता है कि मृतक का जन्म दिसंबर 1870 में हुआ था, हालांकि इस बात का कोई प्रामाणिक दस्तावेज नहीं है।
उनके खुद के अनाधिकृत दस्तावेजों के अनुसार, सपरमान सोडीमेडजो जिन्हें आमतौर पर मबाह घोटो (ग्रैंडपा घोटो) के नाम से जाना जाता है, का जन्म 31 दिसंबर 1870 में हुआ था। पहले विश्व युद्ध के समय वे 43 और दूसरे विश्वयुद्ध के समय वे लगभग 70 साल के हो चुके थे।
मबाह घोटो अपनी इंडोनेशिया के सेन्ट्रल जावा स्थित एक गांव में रहते थे। उनकी 4 पत्नियां थीं । आखिरी दिनों में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन अपने परिवार के साथ रहने के लिए वे अस्पताल से लौट आये थे और फिर कुछ ही दिनों में घर पर ही उनका निधन हो गया।
भले ही इंडोनेशिया घोटो को दुनिया का सबसे उम्रदराज इंसान बताता है लेकिन कोई प्रामाणिक दस्तावेज के न होने से उन्हें दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति होने की आधिकारिक मान्यता नहीं मिल पायी। इसका एक कारण यह भी है कि इंडोनेशिया ने जन्म का रिकॉर्ड रखना साल 1900 के बाद से शुरू किया था। हालांकि वहां के अधिकारी बताते हैं कि निवास प्रमाणपत्र में उनके जन्म की यही तारीख लिखी हुई है।
किसान और एक फिशरमैन रह चुके मबाह ने पिछले साल एक इंटरव्यू में बताया था कि वे इतने लम्बे समय तक सिर्फ इसलिए जीवित रह पाए क्योंकि वे ऐसे लोगों से घिरे हैं जो उनसे प्यार और उनकी अच्छी तरह देखभाल करते हैं। वे वहां के स्थानीय हीरो थे और अक्सर डच और जैपनीज़ कॉलोनियों के शासन काल की कहानियां सुनाया करते थे।
इस समय उनके 5 बच्चे, 12 पोते पोतियां, 17 पोते पोतियों के बच्चे और दो इन 17 पोते पोतियों के बच्चे हैं। यानि की उन्होंने कुल 5 पीढ़ियों का अनुभव लेने के बाद इस संसार को छोड़ा।
वैसे आधिकारिक रूप से इस समय तक इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक जीवित रहने की मान्यता फ्रेंच महिला जीन कैलमेंट को मिली है, जिनकी 1997 में 122 साल की आयु में मृत्यु हुई थी।
वृद्धावस्था अनुसंधान समूह की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में सबसे उम्रदारज और अभी भी जीवित इंसान जमैका की रहने वाली 117 साल की वायलेट ब्राउन हैं।