\'अध्यात्म\' और \'योद्धाओ\' के साथ \'शौर्य यात्रा \'के बाद मोदी की चीनी राष्ट्रपति के साथ रिश्ते मजबूत करने पर\'अहम\' शिखर वार्ता

By Shobhna Jain | Posted on 14th May 2015 | VNI स्पेशल
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शीयान, चीन 14 मई (शोभना जैन,वीएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी \'चर्चित चीन यात्रा\'के पहले दिन यहां प्राचीन नगर शीयान में \'अध्यात्म यात्रा\' के साथ \'योद्धाओ के साथ \'शौर्य यात्रा\' की और उसके बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ भारत व चीन के बीच आपसी रिश्ते मजबूत करने के लिये राष्ट्रपति के इस गृह नगर मे अहम शिखर वार्ता की. इससे पूर्व प्रधान मंत्री मोदी आज यहा सुबह विश्वप्रसिद्ध \'टेराकोटा वॉरिअर्स\' म्यू्ज़ियम का दौरा करने के बाद प्राचीन बौद्ध मंदिर \'दा सिंगशान\' गए और प्रार्थना की। बाद मे प्रधानमंत्री मोदी की चीन के राष्टपति शी चिनफिंग ने अपने इस गृह नगर पहुंच कर अगवानी की और उनके साथ संक्षिप्त मुलाक़ात के पश्चात शिखर वार्ता की . सूत्रो के अनुसार आज दोनो नेताओ के बीच शिष्ट्मंडल स्तर की वार्ता हुई जिसमे आपसी रिश्ते मजबूत करने पर चर्चा हुई विशेष तौर पर आपसी विश्वास,समझ बूझ बढाने और आर्थिक संबंध मजबूत करने पर चर्चा हुई. कल दोनो नेता शिष्टमंडल स्तर् की आधिकारिक वार्ता करेंगे .इसमे विशेष तौर पर आर्थिक संबंधो के विस्तार के साथ सीमा विवाद सहित कई मुद्दों पर विस्तृत वार्ता होगी और आपसी सहयोग के अनेक समझौतो पर भी हस्ताक्षर किये जाने की उम्मीद है. इसी के चलते आज की इस शिखर वार्ता को खासा अहम माना जा रहा है,शियान मे बड़ी तादाद मे उत्साही चीनी जनता के स्वागत को देख कर प्रधान मंत्री ने बाद मे ट्वी्ट किया \'चीनी जनता का उत्साह देख कर मै अभिभूत हूँ, जनता के बीच के रिश्ते हमेशा खास होते है\'.गौरतलब है कि श्री शी की गतवर्ष भारत यात्रा के दौरान दोनो पक्षो के बीच आपसी सहयोग बढाने के 12 समझौतो पर हस्ताक्षर किये गये थे. प्राचीन शियान नगर की आध्यात्मिक यात्रा के दूसरे चरण मे प्रधानमंत्री ने प्रधान मंत्री ने चीन के राष्ट्रपति के साथ छठी शताब्दी मे बने यहा के मशहूर वाईल्ड गूज़ पेगोडा के दर्शन किये तथा, उन्होने चीन के राष्ट्रपति को भारत के पवित्र \'महाबोधी वृक्ष \'की एक टहनी पेगोडा की भूमि मे रोपे जाने के लिये भी भंट की, आज शियान नगर के अति व्यस्त कार्यक्रम के बाद प्रधान मंत्री आज शाम राजधानी बीजिंग के लिये रवाना हो जायेंगे.बीजिंग के बाद वे शंघाई जायंगे चीन के बाद पीएम मोदी मंगोलिया और दक्षिण कोरिया की भी यात्रा पर जायेंगे. चीन की यात्रा के पहले उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी इस यात्रा से परस्पर विश्वास प्रगाढ होगा, द्विपक्षीय आर्थिक रिश्तों को उन्नत बनाने के लिए एक रुपरेखा तैयार होगी तथा यह यात्रा एशिया एवं विकासशील देशों के लिए ‘मील का नया पत्थर’ साबित होगी. प्रधानमंत्री के तौर पर चीन की अपनी पहली यात्रा पर जा रहे मोदी शिखर सम्मेलन के लिए सामान्य प्रोटोकॉल से हटकर एक असाधारण कदम के तहत राष्ट्रपति शी चिनफिंग के गृह शहर, प्राचीन नगरी शियान पहुंचें, जहां बाद मे राष्ट्रपति शी ने उनकी अगवानी की. गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में भारत दौरे के दौरान श्री मोदी ने भी चीनी नेता का अपने ग्रह राज्य की राजधानी अहमदाबाद में स्वागत किया था. प्रधान मंत्री मोदी गुजरात के मुख्य मंत्री के नाते चीन की यात्रा कर चुके है. इससे पूर्व इस मंदिर मे प्रधान मंत्री ने इस मठ मे चीनी बौद्ध भिक्षुकों ्द्वारा संस्कृत से चीनी भाषा मे अनुवाद किये गये शास्त्रो का भी अवलोकन किया. गौरतलब है कि जाने माने बौद्ध भिक्षुक धर्मगुप्त 590 मे गुजरात से यहा आये थे यहा कर उन्होने 12संस्कृत ग्रंथो का चीनी भाषा मे अनुवाद किया, इस मठ को चीन मे बौद्ध धर्म का सबसे प्राचीन केन्द्र माना जाता है भगवे वस्त्र में वहां मौजूद बौद्ध भिक्षुओं के मंत्रोच्चार के बीच श्री मोदी ने भगवान बुद्ध की विशाल स्वर्ण मूर्तियों सामने हाथ जोड़ कर प्रार्थना की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बाद मे ट्विटर पर लिखा, \"प्रधानमंत्री की मौजूदगी में \'दा सिंगशान\' के भव्य हॉल में शास्त्र सुत्रो का सस्वर पाठ \" यह मंदिर दक्षिणी शीयान में है। इस मंदिर का निर्माण मूल रूप से जीन वंश ने करवाया था, जिसका बाद में सुई वंश ने विस्तार कराया। लगभग 582 में पुनर्निर्माण के बाद इस मंदिर को \'दा सिंगशान\' मंदिर कहा जाने लगा। शीयान, शांक्सी प्रांत की राजधानी और ्राष्ट्र्पति शी जिनपिंग का गृहनगर है। शीयान के साथ चीनी यात्री और मशहूर बौद्ध विद्वान ह्वेन सांग का नाम भी जुड़ा है, जिन्होंने 629 से 645 के दौरान भारत की यात्रा की थी। यात्रा के पहले चरण मे वे आज सुबह शीयान पहुंचे हैं. हवाईअडडे पर प्रधान मंत्री का पारंपरिक नृत्यो के साथ भव्य स्वागत किया गया. उल्लेखनीय है कि संग्रहालय में चीन के पहले सम्राट किन शी हुआंग की सेनाओं की वस्तुएं सहेज कर रखीं हुईं हैं. जो कि हुआंग की सेनाओं की शक्तियों की झलक दिखाती है. यह टैराकोटा कलाकृतियों का लगभग २ हजार वर्ष पुराना एक बड़ा संग्रह है. उन्होंने वहां रखे अतिथिपुस्तिका पर हस्ताक्षर किये और अपने अनुभव को लिखा. प्रधानमंत्री ने संग्रहालय में लगभग एक घंटे का समय बिताया. उन्होंने यहां किए जा रहे खुदाई कार्य के बारे में भी जानकारी ली. इस पुस्तिका में प्रधान मंत्रीमोदी ने लिखा कि जिस अद्भुत तरीके से संग्रहालय का संरक्षण किया गया है उससे वह ‘‘बेहद प्रभावित’’ हैं. संग्रहालय में ‘टैराकोटा सेना’ या ‘टैराकोटा योद्धाओं और घोडों’ का संग्रह है. टैराकोटा कलाकृतियों का यह संग्रह विशेष तौर पर योद्धाओ की भाव भंगिमाये बहुत चर्चित है संग्रहालय परिसर संयुक्तराष्ट्र के वैश्विक विरासत स्थलों में शामिल है. इस संग्रहालय में सम्राट किन की कब्र भी है. बाद मे उन्होने डेक्सिंग्शन मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे. यह प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक है.. मंदिर के बाहर नरेंद्र मोदी ने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. मंदिर के पास बने मार्ग पर उत्साह से भरी भारी भीड को देखकर प्रधानमंत्री अचानक ही रुक गए और उन्होंने कुछ चीनी लोगों से हाथ हिलाया. ये लोग ‘‘मोदी, मोदी’’ के नारे लगा रहे थे. मोदी कल देर रात स्वदेश से तीन देशों की यात्रा के लिए रवाना हुए. चीन के साथ वे आर्थिक संबंधो के विस्तार के साथ सीमा विवाद सहित कई मुद्दों पर बात हो रही है. चीन के बाद पीएम मंगोलिया और दक्षिण कोरिया की भी यात्रा पर जायेंगे. चीन की यात्रा के पहले उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनकी इस यात्रा से परस्पर विश्वास प्रगाढ होगा, द्विपक्षीय आर्थिक रिश्तों को उन्नत बनाने के लिए एक रुपरेखा तैयार होगी तथा यह एशिया एवं विकासशील देशों के लिए ‘नया मील का पत्थर’ साबित होगी. प्रधानमंत्री के तौर पर चीन की अपनी पहली यात्रा पर जा रहे मोदी शिखर सम्मेलन के लिए सामान्य प्रोटोकॉल से हटकर एक असाधारण कदम के तहत राष्ट्रपति शी चिनफिंग के गृह शहर, प्राचीन नगरी शियान पहुंचें. पिछले साल सितंबर में भारत दौरे के दौरान मोदी ने भी चीनी नेता का अहमदाबाद में स्वागत किया था. श्री मोदी आज शियान के व्यस्त कार्यक्रम के बाद कल बीजिंग मे राष्ट्रपति शी के साथ अहम शिष्टंमंडल स्तर की वार्ता करेंगे इससे पूर्व अपने दौरे के पहले प्रधानमंत्री ने चीनी मीडिया से कहा, ‘‘मैं चीन के अपने दौरे के लिए आशान्वित हूं. 21 वीं सदी एशिया की है.’’ वह चीन के बाद मंगोलिया और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर भी जाएंगे. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनके दौरे से भारत-चीन का संबंध ‘अधिक प्रगाढ’ होगा और एशिया तथा विकासशील देशों के लिए ‘नया मील का पत्थर’ साबित होगा. उनके साथ गुजरात व महाराष्ट्र के मुख्य्मंत्रियो के अलावाराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर और वरिष्ठ अधिकारी भी गए हैं. अपने दौरे के पहले चीन के एक टीवी चैनल से पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि चीन के मेरे दौरे से केवल चीन-भारत दोस्ती ही प्रगाढ नहीं होगी बल्कि यह दौरा एशिया में विकासशील देशों के साथ ही दुनिया भर में संबंधों के लिए मील का नया पत्थर होगा. इसमें जरा भी संदेह नहीं है.’’ विदेश सचिव एस जयशंकर ने यात्रा की पूर्व संध्या पर संवाददाताओ से कहा, ‘‘ द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मामलों, बहुपक्षीय मामलों समेत सभी राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. केवल राजनीतिक ही नहीं बल्कि आर्थिक मामलों पर भी बात की जाएगी. इस दौरान व्यापार, आपसी सहयोग वाली ढाचांगत परियोजनाओं पर निवेश और मुङो लगता है कि लोगों के बीच संपर्क संबंधी व्यापक मुद्दों पर भी बात की जाएगी.’’ दोनों पक्ष व्यापार, निवेश और अन्य विविध क्षेत्रों में सहयोग को बढावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे.प्रधान मंत्री के साथ उद्द्योग व व्यापार जगत के शीर्ष प्रतिनिधियो का एक शिष्टामंडल भी उनके साथ चीन गया है प्रधानमंत्री मोदी के बीजिंग में रहने के दौरान भारत-चीन राज्य एवं प्रांतीय नेताओं के फोरम की पहली बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल भाग लेंगी. यात्रा के दूसरे चरण में वह 17 मई को मंगोलिया पहुंचेंगे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली मंगोलिया यात्रा होगी. इसके बाद तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री दक्षिण कोरिया जाएंगे जहां वह राष्ट्रपति पार्क ग्यून हाय से मुलाकात करेंगे. दोनों देशों के नेता दोहरे कराधान से बचाव की संधि, नौवहन, परिवहन, राजमार्गों और विद्युत विकास समेत कई क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. वह वहां भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी 19 मई को यात्रा के तीसरे चरण मे कोरिया गणराज्य की यात्रा के बाद स्वदेश वापस लौटेंगे.वीएनआई

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