भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी और एलन मस्क को टृंप सरकार में अहम पद

By VNI India | Posted on 13th Nov 2024 | विदेश
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नई दिल्ली/वाशिंगटन, 13 फरवरी ( वी एन आई) भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी और जाने माने कारोबारी औरं डोनाल्ड ट्रंप को जीतानें मे  अहम भूमिका निभाने वाले  एलन मस्क  को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सरकार मे  अहम पद पर नियुक्ति किये जाने का फैसला किया हैं.ट्रंप ने एक्स, टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएन्सी (डीओजीई) का प्रमुख बनाया है.
ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए एलन मस्क को 'ग्रेट एलन मस्क' कहा है और विवेक रामास्वामी को 'देशभक्त अमेरिकी' बताया है.यह ज़िम्मेदारी मिलने पर विवेक रामास्वामी ने लिखा है- हमलोग नरमी से पेश नहीं आने वाले हैं.
विवेक को ट्रंप ने वही ज़िम्मेदारी दी है, जिसकी वो वकालत करते रहे हैं. जैसे कई सरकारी विभागों और एजेंसियों को बंद करने की वकालत विवेक रामास्वामी करते रहे हैं.एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी सरकार में नौकरशाही, अतिरिक्त नियम-क़ानून और 'अनावश्यक खर्चों' को रोकने के अलावा फेडरल एजेंसियों के पुनर्गठन पर काम करेंगे.
ट्रंप ने इसे 'सेव अमेरिका' अभियान के लिए ज़रूरी बताया है.इसके साथ ही ट्रंप की ओर से कुछ और अहम नियुक्तियों की घोषणा की गई है.
फ्लोरिडा के सांसद माइकल वाल्ट्ज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनेंगे और सीनेटर मार्को रूबियो को विदेश मंत्री बनाया जा सकता है.50 साल के वाॉल्ट्ज पूर्व सैन्य अधिकारी हैं और लंबे समय से ट्रंप के समर्थक रहे हैं.वो अमेरिकी कांग्रेस के लिए दोबारा चुने गए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वॉल्ट्ज की नियुक्ति के लिए सीनेट की मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं होगी.
39 साल के रामास्वामी का जन्म ओहायो में हुआ था. उन्होंने हार्वर्ड और येल से पढ़ाई की और इसके बाद उन्होंने एसेट मैनेजमेंट फर्म बनाई.उन्होंने बायोटेक कंपी रोयवेंट साइंसेज की स्थापना की .
विवेक की शादी अपूर्वा से हुई है और वो ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर में सर्जन और असिस्टेंट में प्रोफ़ेसर हैं. विवेक अपने परिवार के साथ कोलंबस में रहते हैं. उनके दो बेटे हैं.विवेक रामास्वामी का जन्म प्रवासी भारतीय माता-पिता के परिवार में हुआ. एक  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ उनका परिवार केरल से अमेरिका गया था.
उनके पिता वी गणपति रामास्वामी ने कालीकट के नेशनल इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन के बाद इंजीनियर के तौर पर काम किया. उनकी मां ने अमेरिका में एक मनोचिकित्सक के तौर पर काम किया.
2023 में अयोवा स्टेट फेयर में विवेक ने बताया था कि उनकी मां ने अमेरिकी नागरिकता ली है जबकि उनके पिता के पास अब भी भारतीय पासपोर्ट है.
रामास्वामी पहले रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार पद की दौड़ में थे. लेकिन अयोवा कॉकस में चौथे नंबर पर आने के बाद उन्होंने अपना अभियान छोड़ दिया था.
इसके बाद जब वो ट्रंप के पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट के लिए उनके साथ अटलांटा गए तो ये ख़बरें आईं कि वो रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बन सकते हैं.
रामास्वामी का मानना है कि रूस यूक्रेन युद्ध को शांतिपूर्ण तरीके से ख़त्म करने के लिए रूस को कुछ बड़ी छूट देनी चाहिए.
उनका मानना है कि अमेरिकी सेना के लिए सबसे बड़ा ख़तरा चीन-रूस गठबंधन और नेटो में यूक्रेन के न शामिल होने का स्थायी आश्वासन है. लेकिन इसके बदले रूस को अपने गठबंधन और चीन के साथ सैन्य समझौते से पीछे हटना होगा.उनके अनुसार, रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन को अधिक हथियार देना, रूस को चीन के हाथों में धकेलने जैसा है.
रामास्वामी का कहना है कि वोट देने की न्यूनतम उम्र को बढ़ाकर 25 साल किया जाना चाहिए.उनका प्रस्ताव है कि 18 साल तक के लोगों को भी वोट का अधिकार तभी मिले जब वो "राष्ट्रीय सेवा ज़रूरतों" की शर्त पूरा करते हों. यानी या तो वो इमरजेंसी में मददगार हुए हों या सेना में छह महीने की सेवा दे चुके हों. 
रामास्वामी कई संघीय विभागों को बंद करने की  समर्थक रहे हैं. जैसे शिक्षा विभाग, परमाणु नियामक आयोग, घरेलू राजस्व सेवा और एफ़बीआई आदि. मीडिया रिपोर्टो के अनुसार उन्होंने कहा, "अधिकांश मामले में ये एजेंसियां बेकार हो चुकी है और इनकी जगह कई अन्य विभाग काम करते हैं." उन्होंने पुनर्गठन का सुझाव दिया जिसमें एफ़बीआई की फंडिंग को सीक्रेट सर्विस, फ़ाइनेंशियल क्राइम्स एनफ़ोर्समेंट नेटवर्क और डिफ़ेंस इंटेलिजेंस एजेंसी में बांटा जाए.
ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए एलन मस्क को 'ग्रेट एलन मस्क' कहा है और विवेक रामास्वामी को 'देशभक्त अमेरिकी' बताया है.यह ज़िम्मेदारी मिलने पर विवेक रामास्वामी ने लिखा है- हमलोग नरमी से पेश नहीं आने वाले हैं.
एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी सरकार में नौकरशाही, अतिरिक्त नियम-क़ानून और 'अनावश्यक खर्चों' को रोकने के अलावा फेडरल एजेंसियों के पुनर्गठन पर काम करेंगे.ट्रंप ने इसे 'सेव अमेरिका' अभियान के लिए ज़रूरी बताया है.
इसके साथ ही ट्रंप की ओर से कुछ और अहम नियुक्तियों की घोषणा की गई है.फ्लोरिडा के सांसद माइकल वाल्ट्ज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनेंगे और सीनेटर मार्को रूबियो को विदेश मंत्री बनाया जा सकता है.50 साल के वाॉल्ट्ज पूर्व सैन्य अधिकारी हैं और लंबे समय से ट्रंप के समर्थक रहे हैं.वो अमेरिकी कांग्रेस के लिए दोबारा चुने गए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वॉल्ट्ज की नियुक्ति के लिए सीनेट की मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं होगी. वी एन आई


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