चेन्नई/नई दिल्ली,21अप्रैल (सुनीलकुमार/वीएनआई)चर्चित हिंदी फ़िल्मो 'रोजा' और 'बॉम्बे' मे खुबसूरत मासूम चेहरे व संवेदनशील अभिनय से एक जमाने मे धूम मचाने वाले मशहूर फिल्म अभिनेता अरविंद स्वामी लकवे की बीमारी से जूझने के बाद वापस फिल्मो मे लौट रहे है. लगभग 16 वर्ष बाद वे अपनी नई हिंदी फ़िल्म 'डियर डैड' से फिल्मो मे वापसी कर रहे हैं.सात साल पहले वे एक दुर्घटना के बाद लकवा का शिकार हो गए थे. इस दुर्घटना के बाद कई सालों तक वे चल फिर तक नही पाते थे लेकिन उन्होने हौसला बनाये रखा और अब उसी बुलंद हौसले के बाद ठीक हो कर एक बार फिर फिल्मो मे धूम मचाने के लिये लौट रहे है पिता और पुत्र के रिश्तों पर आधारित यह फ़िल्म 6 मई को रिलीज़ होने वाली है और इसका निर्देशन तनुज भ्रामर ने किया है.
अरविंद की आख़िरी हिंदी फ़िल्म जूही चावला के साथ 1998 में आई 'सात रंग के सपने' थी .अरविंद 'रोजा.बॉम्बे" जैसी फिल्मो से दर्शको के चहीते बने लेकिन शिखर पर पहुंचते ही उन्होने फिल्मो से दूर हटना शुरू कर दिया और 2006 में ही अभिनय को अपने पारिवारिक रिक बिज़नेस के लिए अलविदा कह दिया था, काफीवर्श तक वे व्यवस्स्य मे रहे तभी एक दुर्घटनी ने उअके जीवन का रूख एक बार फिर पलट दिया चोट के बाद उन्होंने बार फिर अभिनय की दुनिया मे वापसी की.
2013 में निर्माता निर्देशक मणिरत्नम की तमिल फ़िल्म 'कादल' में काम किया और वो बेहद कामयाब रही.वैसे अभिनय की दुनिया मे रहते हुए भी अरविंद इस ग्लेमर जगत मे कभी भी रमे नही. उनका कहना था कि वे कभी भी एक्टर नहीं बनना चाहते थे और स्टारडम उनको कभी लुभाया नही इसलिए अभिनय से उन्होने नाता तोड़ लिया.वी एन आई