नयी दिल्ली 11 -08-2017,सुनील कुमार ,वी एन आई
पी. जयराज का का जन्म: 28 सितम्बर, 1909 में और मृत्यु: 11 अगस्त, 2000 को मुंबई में हुई वे हिन्दी फिल्मों के एकमात्र ऐसे कलाकार थे , जिन्होंने मूक फ़िल्मों के दौर से लेकर वर्तमान दौर तक की अनेक फ़िल्मों में काम किया। हिन्दी सिनेमा के पर्दे पर सर्वाधिक राष्ट्रीय और ऐतिहासिक नायकों को जीवित करने का कीर्तिमान इसी कलाकार के साथ जुड़ा है। नौशाद जैसे महान् संगीतकार को फ़िल्मों में ब्रेक देने का श्रेय भी पी. जयराज को ही जाता है। उनकी ज़िंदगी हिन्दी सिने जगत् के इतिहास के साथ-साथ चलती हुई, एक सिनेमा की कहानी जैसी थी।
मुंबई पहुँचने पर निर्देशक नागेन्द्र मजूमदार के पास उन्हें 'सहायक निर्देशक की नौकरी मिल गई। उनके साथ निर्देशन के अलावा संपादन, सिने-छांयाकन आदि का कार्य भी सीखा। दिलीप कुमार की पहली फ़िल्म "प्रतिमा" का निर्देशन जयराज ने किया था जिसकी निर्मात्री देविका रानी थीं।
50 के दशक में पी. जयराज को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। 1982 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भी मिला।
अगर हम कहें की हिंदी सिनेमा आज जिस मुकाम पर है उसे यहाँ तक लाने में पी जयराज का बड़ा योगदान था तो कोई गलत बात नहीं होगी !
11 अगस्त 2000 को मुंबई के लीलावती अस्पताल में इस महान कलाकार ने आखिरी सांस ली !
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