नई दिल्ली, 06 नवम्बर, (सुनील कुमार/वीएनआई) अभिनय एक कला है जिसे सीखने और अभ्यास करने की जरूरत होती है यह जीवन के अनुभव का काव्यात्मक प्रतिरूप है। जैसे- किसी अभिनेता या अभिनेत्री के द्वारा किया जाने वाला वह कार्य है जिसके द्वारा वे किसी कथा को दर्शाते हैं।
अभिनेता संजीव कुमार, इन पंक्तियों पर शब्दश: शब्द खरे उतारते थे. संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई 1938 को व् मृत्यु: 6 नवम्बर 1985 को हुई वे हिन्दी फिल्मों के जाने माने अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। इस महान कलाकार का नाम फिल्मजगत के आसमान में एक ऐसे सितारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फिल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फिल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फिल्म में उन्होंने मूक बधिर व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फिल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया।उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे अविवाहित थे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1985 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1985 तक वे लगातार फिल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फिल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा।
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