मुंबई, 10 मई अपने पांच दशकों के करियर में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभा चुकीं अनुभवी अभिनेत्री तनुजा मुखर्जी का कहना है कि वह किरदार से दिमाग से नहीं बल्कि दिल से जुड़ती हैं।
अपने पहले टेलीविजन धारावाहिक 'आरंभ' के सेट पर तनुजा ने कहा, "मैं एक कलाकार हूं। यह सिर्फ किरदार के बारे में नहीं है। जब विषय मुझे आकर्षक लगता है तो फिर मैं सही समय पर सही जगह में सही भूमिका निभा रही होती हूं। यह मुझे अंदर से महसूस होता है। मैं किरदार को दिमाग से नहीं दिल से समझती हूं।"
'ज्वेलथीफ', 'हाथी मेरे साथी' और 'अनुभव' जैसी फिल्मों में अपनी भूमिका के लिए पहचानी जाने वाली 73 वर्षीया अभिनेत्री ने ऐतिहासिक धारावहिक के साथ टेलीविजन की दुनिया में कदम रखा है। शो में वह भविष्य बताने वाली हाहुमा के रूप में दिखाई देंगी।
उन्होंने कहा कि यह शो दिखाता है कि कैसे एक मातृसत्तात्मक समाज, पितृसत्तात्मक समाज में बदल जाता है। उन्होंने कहा कि लड़का हो लड़की, सभी इनसान को समान माना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि फिलहाल उम्र उनके लिए कोई बाधा नहीं है।
'बाहुबली' और 'बजरंगी भाईजान' के चर्चित लेखक के. वी. विजेंद्र प्रसाद द्वारा लिखित, 'आरंभ' में दो सभ्यताओं द्रविड़ और आर्य के संघर्ष का वर्णन किया गया है।
आधुनिक भारत के पुरुष प्रभुत्व समाज के बारे में पूछे जाने पर तनुजा ने कहा, "यह हर व्यक्ति की मानसिकता को बदलने का कर्तव्य है। आपको आत्म-आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है।"
'आरंभ' का प्रसारण जल्द ही टेलीविजन चैनल स्टार प्लस पर होगा। इसमें तनुजा के अलावा कार्तिका नायर, रजनीश दुग्गल, जॉय सेन गुप्ता और हंसा सिंह प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
--आईएएनएस