नई दिल्ली,27 दिसंबर ( वीएनआई) अपने को एक कठिन कार्य करने की चुनौती दीजियें, पूरी शिद्दत से उसे पूरा करने में जुट जायें और जब वो पूरा हो जाये, तो उसे पूरा करने का संतोष और उस काम के बदले बहाये गये पसीनें की बूंदें ना केवल आप को आत्मिक अनु भूति देगा बल्कि वह और सभी के लियें एल प्रेरणा होगी
हाल ही में, एक डिजिटल क्रिएटर शु्भादीप पॉल ने एक अनोखा चैलेंज लिया—10 रुपये में पूरा दिन गुजारने का। यह चैलेंज खासा खबरों में हैं, खास तौर पर इस लिये कि शुभादीप के लिए सिर्फ पैसे बचाने का तरीका नहीं था, बल्कि यह उसकी मेहनत, सच्चाई और जिजीविषा की कहानी बन गया
शुभादीप पॉल (@moosazindahai) ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह अपने इस चैलेंज को पूरा करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस शहर में हैं, लेकिन उनकी कहानी हर शहर और हर जगह के लिए सटीक थी, जहां जीवन की सच्चाई, संघर्ष और मेहनत का वास्तविक अहसास होता है।
उनके इस चैलेंज की शुरुआत एक सत्तू के स्टॉल से हुई, जहां उन्होंने 10 रुपये में एक ग्लास सत्तू पीकर अपना बजट खत्म कर लिया। लेकिन जब उनके पास कुछ भी नहीं बचा, तो उन्हें महसूस हुआ कि यह चैलेंज इतना आसान नहीं है। पेट भरने के बदले उन्होंने अलग-अलग जगहों पर कुछ काम करना पड़ा।
शुभादीप पहले एक रोड साइड ढाबे पर पहुंचे। वहां उन्होंने दुकानदार से पूछा कि क्या वह खाने के बदले कुछ काम कर सकते हैं। दुकानदार ने उन्हें गंदी प्लेटें हटाने और धोने का काम दिया। कुछ समय बाद, वह खाने के लायक हुए और पेट भरने में सफल रहे।
लेकिन उनका पेट अब भी पूरी तरह से नहीं भरा था, इसलिए वह शाम को एक मोमोज के ठेले पर पहुंचे। यहां भी उन्होंने बर्तन धोने का काम किया और बदले में चाय और मोमोज मिले।
आखिरकार, डिनर के लिए वह एक अच्छे रेस्टोरेंट पहुंचे। वहां भी उन्होंने खाने के बदले काम करने का प्रस्ताव रखा। रेस्टोरेंट के मैनेजर ने बताया कि क्लीनर नहीं आया था और बाथरूम साफ नहीं हो पाया था। सुभादीप ने बिना हिचकिचाए बाथरूम साफ किया और बदले में स्वादिष्ट खाना खाया।
शुभादीप का यह चैलेंज न केवल उनकी मेहनत और ईमानदारी को दिखाता है, बल्कि यह यह भी साबित करता है कि किसी भी स्थिति में हमें अपनी मेहनत से नहीं डरना चाहिए। इस वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं और कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने कहा, "वह तो हर दिन १ 0 रुपये में अपना पेट भरता है," तो कुछ ने कहा, "कम से कम लड़के ने भीख नहीं मांगी!"
यह वीडियो न केवल एक युवा की कभी हार ना मानने की कहानी हैं, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है कि मेहनत और संघर्ष से ही हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं.वी एन आई