सब पाठकों वीएनआई परिवार की ओर से गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें गणेश जी का प्रिय व्यंजन है मोदक गणेश पूजा के अवसर पर घर घर में बनाया जाता है विशेष तौर पर महाराष्ट्र मे, आज आपको गणेश जी के प्रिय मोदक बनाने की विधि बताते है
मोदक का अर्थ है-जो मोद (आनन्द) देता है, जिससे आनन्द प्राप्त हो, संतोष हो, इसके अर्थ में गहराई यह है कि तन का आहार हो या मन के विचार वह सात्विक और शुद्ध होना जरूरी है। तभी आप जीवन का वास्तविक आनंद पा सकते हैं।
मोदक ज्ञान का प्रतीक भी है। जैसे मोदक को थोड़ा-थोड़ा और धीरे-धीरे खाने पर उसका स्वाद और मिठास अधिक आनंद देती है और अंत में मोदक खत्म होने पर आप तृप्त हो जाते हैं, उसी तरह वैसे ही ऊपरी और बाहरी ज्ञान व्यक्ति को आनंद नही देता परंतु ज्ञान की गहराई में सुख और सफलता की मिठास छुपी होती है। इस प्रकार जो अपने कर्म के फलरूपी मोदक भगवान के हाथ में रख देता है उसे प्रभु आशीर्वाद देते हैं। यही श्री गणेश के हाथ में मोदक होने और उनके प्रिय भी होने के पीछे का संदेश है।
मोदक को डाईट फूड भी माना जा सकता है क्योकि बनाने में घी न के बराबर लगता है .
मोदक बनाने के लिये आवश्यक सामग्री -
चावल का आटा - दो कप
गुड़ - डेढ कप बारीक तोड़ा हुआ )
कच्चे नारियल - दो कप ( बारीक कद्दूकस किया हुआ )
काजू - चार टेबल स्पून ( छोटे छोटे टुकड़ों में काट लीजिये )
किशमिश - दो टेबल स्पून
हल्का भुना खसखस - एक टेबल स्पून (
इलाइची - पाँच( छील कर कुटी हुई )
घी - एक टेबल स्पून
नमक - आधा छोटी चम्मच
मोदक बनाने की विधिः गुड़ और नारियल को कढ़ई में डाल कर गरम करने के लिये रखें.चम्मच से चलाते रहें,गुड़ और नारियल के मिश्रण को जब तक पकाये जब यह गाढा न हो जायेजक न बन जाय. इस मिश्रण में काजू,किशमिश,खसखस और इलाइची मिला दें.यह मोदक में भरने के लिए भरावन या स्टफिंग है.
दो कप पानी में एक छोटा चम्मच घी डाल कर गरम करें. पानी में उबाल आते ही, गैस बन्द कर दीजिये और चावल का आटा और नमक पानी में डाल कर चम्मच से चला कर अच्छी तरह मिला दीजिये और इस मिश्रण को पाँच मिनिट के ढक दीजिये.
अब चावल के आटे को बड़े बर्तन में निकाल कर हाथ से नरम आटा गूथ कर तैयार कर लीजिये.यदि आटा सख्त लग रहा हो तो एक-दो टेबल स्पून पानी और डाल सकते हैं, एक प्याली में थोड़ा घी रख लीजिये. घी हाथों में लगाकर आटे को मसलें,जब तक कि आटा नरम न हो जाय. इस आटे को मलमल के कपड़े से ढक कर रखें.
हाथ को घी से चिकना करें और गूथे हुये चावल के आटे से एक नीबू के बराबर आटा निकाल कर हथेली पर रखें, दूसरे हाथ के अँगूठे और उंगलियों से उसे किनारे पतला करते हुये बढ़ा लीजिये, उंगलियों से थोड़ा गड्डा करें और इसमें एक छोटी चम्मच पिठ्ठी रखें. अँगूठे और अँगुलियों की सहायता मोड़ डालते हुये ऊपर की तरफ चोटी का आकार देते हुये बन्द कर दीजिये. सारे मोदक इसी तरह तैयार कर लीजिये.
किसी चौड़े बर्तन में दो छोटे गिलास पानी डाल कर गरम करने रखें. जाली स्टैन्ड लगाकर चलनी में मोदक रख कर भाप में दस बारह मिनिट पकने दीजिये.मोदक स्टीम में पककर काफी चमकदार हो जाते हैं हैं. गणेश जी का प्रिय व्यंजन उनको भोग लगायें और सबको प्रसाद मे दें के लिये तैयार है