भारत के 18 वर्षीय किशोर ने बनाया दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट,अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA करेगी लॉन्च

By Shobhna Jain | Posted on 16th May 2017 | गजब दुनिया
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नई दिल्ली 16 मई (वीएनआई) तमिलनाडु के एक छोटे से शहर पलापटी में रहने वाले 12वीं के छात्र ने वो करिश्मा कर दिया जो बड़े-बड़े लोगों के लिए भी कर पाना मुश्किल हो। टाइम्स ऑफ इंडिया मे छपे समाचार के अनुसार 18 साल के रिफत शारूक ने दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट बना लिया है जिसे NASA जल्द ही लॉन्च करेगा। यह सैटेलाइट सबसे छोटा होने के साथ सबसे कम वजन का भी है यह केवल भारत 64 ग्राम का है, प्राप्त सूचना के अनुसार NASA इसे आगामी 21 जून को अपनी फेसिलिटी वलूप्स आइलैंड से लॉन्च करेगा। सैटेलाइट को कलमसैट नाम दिया गया है। रिफत का कहना है कि उसने इस यह नाम पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से प्रेरित होकर रखा है. समाचार के अनुसार रिफत ने कहा है कि लॉन्च फ्लाइट एक सब-ऑर्बिटल फ्लाइट होगी। पूरे मिशन का टाइमस्पैन 240 मिनट का होगा और सैटेलाइट 12 मिनट तक ऑपरेट करेगी। 3-D प्रिंटेड कार्बन फाइबर की क्षमता को डेमोनस्ट्रेट करना इस सेटेलाईट का काम होगा। गौरतलब है रिफत के इस सैटेलाइट को लॉन्च के लिए उसे “क्यूब्स इन स्पेस” नाम के कम्पीटिशन से चुना गया था। यह कम्पीटिशन NASA और आई डूडल लर्निंग संस्था द्वारा कराया गया था।इस कार्यक्रम में 57 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था. भारतीय छात्र का बनाया हुआ यह सैटेलाइट 86 हजार मॉडलों में से चुना गया है. रिफत के अलावा दुनिया के 80 और छात्रों के मॉडल चुने गए. ्बता दे है कि भारत हाल ही में अपने स्पेस प्रोग्रामों को दुनियाभर में काफी सुर्खियों में रहा है। गत 5 मई को भारत ने साउथ एशिया सेटलाइट (GSAT-9) का सफल प्रक्षेपण किया था। यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा से किया गया था और इससे पाकिस्तान को छोड़, सार्क के छह देशों को फायदा होगा। इसे बनाने में भारत को तीन साल लगे थे और 235 करोड़ रुपये खर्च हुए। भारत के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका को जीसैट-9 का लाभ ले सकेंगे। वहीं मार्च महीने में भी भारत ने 104 सैटेलाइट्स को एक साथ लॉन्च करके एक नया कीर्तिमान ्स्थापित किया था। यह जानना भी बेहद दिलचस्प है कि रिफत ये सैटेलाइट बेकार चीजों से तैयार किया है. रिफत ने इसे अपने दोस्तों के साथ मिलकर तैयार किया है. इसे बनाने में अब्दुल कासिम, तनिष्क द्वेवदी, विनय भारद्वाज और गोगी नाथ ने रिफत की मदद की.इसे बनाने में दो साल का वक्त लगा और एक लाख रुपए खर्च हुए.

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