नई दिल्ली 9 मार्च ( वीएनआई) एक अनोखी विदा पार्टी,ःजीवन का असली अर्थ सिर्फ जीने के दिनों की गिनती करना नहीं, बल्कि हर पल को जी भर कर जीना है। जब एक इंसान अपने जीवन के अंत को गले लगाते हुए उसे जश्न में बदलने की ठान ले, तो यह सिर्फ साहस ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणा भी बन जाता है। हाल ही में एक व्यक्ति ने अपनी आखिरी विदाई को ग़मगीन बनाने की बजाय उसे उत्सव में तब्दील कर दिया।
यह कहानी पोलैंड के एक व्यक्ति की है,जो असाध्य कैंसर से ग्रस्त था। अक्सर परिवार मे अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार होता है, तो चारों ओर उदासी और चिंता का माहौल बन जाता है। लेकिन इस व्यक्ति ने अपनी नियति को स्वीकारते हुए अपने जीवन के हर क्षण को जश्न में बदलने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों को आमंत्रित कर एक फेयरवेल पार्टी रखी, जहाँ आँसू नहीं, बल्कि मुस्कुराहटें और खुशियाँ थीं। उनकी बेटी, बीबी ब्रोज़का, जो सोशल मीडिया पर अपनी भावनाओं को साझा कर रही थीं, ने इस पूरे अनुभव को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने बताया कि उनके पिता इस विचार से सहमत नहीं थे कि मृत्यु के बाद लोगों को उनकी स्मृति में इकट्ठा होना चाहिए। इसलिए उन्होंने जीते-जी अपने प्रियजनों के साथ जीवन का उत्सव मनाने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो दुनिया भर के लोगों ने इसे सराहा। एक यूज़र ने लिखा, "कितना सुंदर तरीका है जीवन को सम्मान देने का - उदासी के साथ नहीं, बल्कि खुशी और प्यार के साथ। यह हम सभी के लिए एक याद दिलाने वाला क्षण है कि हमें हर पल को पूरी तरह से जीना चाहिए।" किसी और ने लिखा, "यह सबसे प्रेरणादायक चीज़ों में से एक है जो मैंने देखी है। उन्होंने अपनी शर्तों पर विदाई ली। एक रॉकस्टार पिता, और उनकी उतनी ही शानदार बेटी!"
इस कहानी ने यह सिखाया कि ज़िंदगी सिर्फ सांसें लेने का नाम नहीं है, बल्कि उसे पूरी शिद्दत से जीने का नाम है। यह हमें याद दिलाती है कि हमें अपने प्रियजनों के साथ ज्यादा समय बिताना चाहिए, उनसे अपने दिल की बातें कहनी चाहिए, और हर उस पल को जश्न में बदल देना चाहिए जिसे हम आज जी रहे हैं। मौत का डर छोड़कर अगर हम जीवन को अपनाएँ, तो हर क्षण एक नई रोशनी लेकर आएगा। यह व्यक्ति भले ही अब इस दुनिया में न हो, लेकिन उसकी सोच और उसकी जिंदादिली लाखों लोगों के दिलों में जिंदा रहेगी।
No comments found. Be a first comment here!