नई दिल्ली, 22 मई (वीएनआई) क्रिकेट का इतिहास कई अनोखी जानकारियों से भरा हुआ है। हाल में ही बीसीसीआई ने जिन दो पूर्व क्रिकटरों पद्माकर शिवालकर और राजेंद्र गोयल को सीके नायडू एवार्ड से सम्मानित किया उनके रिकॉर्डों में टेस्ट की एक भी गिनती शामिल नहीं है लेकिन विशेषज्ञ और आंकड़े दोनों ही यही कहते हैं कि योग्यता को देखते हुए इन्हें एक नहीं बल्कि कई टेस्ट भारत के लिए खेल लेने चाहिए थे। पद्माकर शिवालकर ने 124 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और यकीन मानिये इसमें 19.69 की हैरतअंगेज औसत से 589 विकेट ले लिए थे, ऐसे ही आंकड़े राजेंद्र गोयल के भी थे और उनके आंकड़े तो और भी बेहतरीन थे। उन्होंने 157 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और इसमें 18.58 की औसत से 750 विकेट लिए थे। ये आंकड़े किसी को भी अंतराष्ट्रीय स्तर का खिलाडी मनवाने के लिए काफी हैं लेकिन दुर्भाग्य से किसी को भी भारत की टेस्ट जर्सी पहनने का मौका नहीं मिला।
ऐसा ही एक और हैरतअंगेज आंकड़ों से सजा नाम इंग्लैंड के एलन जोंस का है। बिना टेस्ट खेले सबसे ज्यादा प्रथम श्रेणी रन बनाने का अनोखा रिकॉर्ड इन्हीं के नाम है। ग्लेमोर्गन के बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने 32.89 की बल्लेबाजी औसत से 56 शतक और 194 अर्धशतक की मदद से कुल 36049 रन बना डाले थे लेकिन फिर भी टेस्ट का एक भी आंकड़ा इनके रिकार्डों में दर्ज नहीं हो पाया। दरसल हुआ यूं कि 1970 में उन्हें रेस्ट ऑफ़ वर्ल्ड के खिलाफ इंग्लैंड की टेस्ट कैप पहनने का मौका मिला था जिसे आईसीसी ने शुरुआत में आधिकारिक टेस्ट का दर्जा दिया था। इस मैच के बाद कुछ समय तक के लिए जोंस के आंकड़ों में टेस्ट शामिल रहा लेकिन कुछ दिनों बाद ही आईसीसी ने इसे आधिकारिक टेस्ट की श्रेणी से हटा दिया। कहा जाता है कि ऐसा होते ही जोंस से टेस्ट की कैप वापस मांग ली गयी थी लेकिन जोंस ने इसे लौटाने से मना कर दिया था। यह कैप अभी भी जोंस के पास है जो उन्हें टेस्ट खेलने का एहसास दिलाती है।
जोंस के अलावा ससेक्स के जॉन लैंग्रिज ने भी 37.44 की औसत से 34378 रन बनाये हैं। वे बिना टेस्ट खेले सबसे ज्यादा प्रथम श्रेणी रन बनाने वालों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं।