रियो डी जनेरियो, 12 सितंबर (वीएनआई)| रियो पैरालम्पिक खेलों में भारत की दीपा मलिक ने गोलाफेंक एफ53 स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक अपने नाम किया है। इसके साथ ही वह पैरालम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।
दीपा ने यहां 4.61 मीटर की दूरी तय कर रजत पदक पर कब्जा जमाया। यह उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। बहरीन की फातेमा निदाम ने 4.76 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है। ग्रीस की दिमित्रा कोरकिडा ने 4.28 मीटर की दूरी तय कर कांस्य पदक अपने नाम किया।
दीपा मलिक का कहना है कि वह इस पदक का इस्तेमाल भारत में विकलांग महिलाओं को समर्थन देने में करेंगी। भारत के पैरालम्पिक दल की सबसे उम्रदराज खिलाड़ी ने कहा है कि पदक जीतने उनके और उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है। दीपा ने पदक जीतने के बाद कहा, "मैं इस पदक का इस्तेमाल भारत की विकलांग महिलाओं की मदद करने के लिए करूंगी। यहां तक का सफर मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी शानदार रहा है। मैं टीम की सबसे उम्रदराज खिलाड़ी और पदक विजेता बन कर खुश हूं।
इस पदक के साथ ही भारत के इन पैरालिम्पक खेलों में कुल तीन पदक हो गए हैं। थंगावेलु मरियप्पन ने भारत को ऊंची कूद में स्वर्ण और वरुण भाटी ने इसी स्पर्धा में भारत को कांस्य पदक दिलाया था। इन खेलों में भारत का यह पहला रजत पदक है। 45 वर्षीय दीपा दो बार लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। 2008 में उन्होंने यमुना नदी को एक कीलोमीटर तैर कर पार कर रिकार्ड बुक में नाम दर्ज करवाया था। वहीं दूसरी बार 2013 में 58 किलोमीटर तक विशेष मोटरसाइकिल चला कर इस किताब में नाम दर्ज करवाया था। दीपा 2012 में अर्जुन अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी हैं। वह आर्मी अधिकारी की पत्नी होने के साथ-साथ दो बच्चों की मां भी हैं।