नई दिल्ली,15 अक्टूबर (शोभना/ वीएनआई) गौरतलब हैं कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन्हें 19 अक्तूबर को रात में 11:59 बजे से पहले कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ने के लिए कहा है. विदेश ंत्राल्य ने कहा " हमने कनाडा को बता दिया है कि ट्रूडो सरकार जिस तरह से भारत के ख़िलाफ़ अलगाववाद और अतिवाद का समर्थन कर रही है, उसके ख़िलाफ़ भारत के पास जवाब देने का अधिकार है.''
निज्जर की हत्या मामले में भारतीय उच्चायुक्त के नाम लेने पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ा एतराज़ जताया है. भारत ने कहा कि यह मुद्दा अब राजनीति से जुड़ गया है क्योंकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ''हमें रविवार को कनाडा से एक राजनयिक नोट मिला था. इसमें आरोप ल गाया गया है कि कनाडा में चल रही एक जाँच में भारत के उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों का जुड़ाव सामने आया है. भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को सिरे से नकारती है. कनाडा की ट्रूडो सरकार घरेलू राजनीति की चुनौतियों के मदेनजर साधने के ऐसा ्सब कर रही है.''
भारत ने कल घोषणा की कि उसने कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला किया है. इसके साथ ही भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने का फ़ैसला किया है.
ये राजनयिक हैं- स्टीवर्ट रॉस व्हीलर (कार्यकारी उच्चायुक्त), पैट्रिक हेबर्ट (उप-उच्चायुक्त), मैरी कैथरीन जॉली (फर्स्ट सेक्रेटरी), इआन रॉस डेविड ट्राइट्स (फ़र्स्ट सेक्रेटरी), एडम जेम्स चुइपका (फर्स्ट सेक्रेटरी), पाउला ओर्जुएला (फर्स्ट सेक्रेटरी)
लेखक और विदेश मामलों के विश्लेषक ब्रह्मा चेलानी का मानना है कि मौजूदा वक़्त में दोनों देशों के बीच संबंध अपने न्यूनतम स्तर पर हैं. एक्स पर चेलानी ने लिखा कि लगता है कि कनाडा ने अपने अतीत से कुछ नहीं सीखा है. वे 1985 में एयर इंडिया धमाके की ओर इशारा कर रहे थे जिसमें 331 लोगों की जान गई थी.
इसी बीच वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ कनाडा ने कल भारत सरकार की इन घोषणाओं का स्वागत किया है संस्था ने कहा है कि दुनिया को कनाडा में भारत के हस्तक्षेप के बारे में भले ही आज पता चला हो लेकिन उनके लिए ये पिछले चार दशकों का अनुभव रहा है. वी एन आई
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