यरुशलम,18 जनवरी ( अनुपमा जैन/वीएनआई)फलस्तीन और इजराइल की पहली यात्रा पर आयी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत इस्राइल के संबंधों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि दोनों देशो के संबंधो में सहयोग की अपार सम्भावनाये है विदेश मंत्री के रुप में इजराइल की पहली यात्रा पर आई श्रीमती स्वराज ने कहा कि वह इस्राइल के शीर्ष नेतृत्व के साथ अपनी बातचीत को लेकर आशान्वित हैं.
कल की फलस्तीन यात्रा के बाद इजराइल आयी श्रीमती स्वराज ने आज इस्राइल के राष्ट्रपति रियुविन रिवालिन और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू से मुलाकात कर दोनों देशों के संबंधों पर चर्चा की. कल अपनी फलस्तीन यात्रा के दौरान श्रीमती स्वराज ने फलस्तीन मुद्दे पर भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा था कि भारत की फलस्तीन नीति में कोई बदलाव नहीं है
श्री नेतनयाहू के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्रीमती स्वराज ने कहा कि भारत इस्राइल के साथ द्विपक्षीय संबंधों के पूरी तरह विकास को सर्वोच्च महत्व देता है. हमारा द्विपक्षीय सहयोग पिछले दो दशकों में कई क्षेत्रों में बढ़ा है लेकिन हमारे रिश्तों की क्षमता और भी ज्यादा है. गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भी इसी वर्ष फलस्तीन और इजराइल की यात्रा पर जाने की संभावना है ,राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी गत अक्टूबर में इन दोनों देशो की यात्रा की थी भारत के किसी राष्ट्रप्रमुख द्वारा की गई इस्राइल की पहली यात्रा थी.
विदेश मंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के पूरे आयामों पर चर्चा के अलावा इस दौरान क्षेत्र की स्थति पर भी चर्चा की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने इस मौके पर कहा कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच रिश्ते और दोस्ती काफी फूले-फले हैं. उन्होंने कहा ' मैं आपका यहां स्वागत करते हुए और मेरे अच्छे मित्र और साथी प्रधानमंत्री मोदी को अपना अभिवादन भेजते हुए खास खुशी महसूस कर रहा हूं. भारतीय राष्ट्रपति की यात्रा में इन बढ़ते संबंधों की अभिव्यक्ति झलकी थी जो भारत के किसी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्री थी.'श्री नेतनयाहू ने कहा कि दोनों देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी, साइबर, रक्षा तथा कृषि जैसे क्षेत्रों में अपने संपर्कों और सहयोग को तेज कर रहे हैं. नेतनयाहू ने कहा कि भारत और इस्राइल कई सारे अभिनव प्रयोगों के अग्रिम चरण में हैं और हम मिलकर काम करके अपने लोगों और दुनिया के लिए काफी कुछ कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस्राइल भारत को एक अच्छे दोस्त के तौर पर देखता है.
पिछले डेढ साल में प्रधानमंत्री मोदी से दो बार मुलाकात कर चुके नेतनयाहू ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सहयोग की असीमित संभावनाएं हैं और उन्हें हासिल करने की सीमाएं अपार हैं. श्रीमती स्वराज अपनी इस यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री मोशे यालोन, बुनियादी संरचना मंत्री युवाल स्तेनिज और उप विदेश मंत्री सिपी होतोवेली से भी मुलाकात करेंगी. वह इस्राइल में भारतीय मूल के समुदाय से भी मिलेंगी. इस्राइल में भारतीय यहूदी समुदायों के कुल चार समूह हैं, जिनमें शामिल लोगों की कुल संख्या लगभग 80 हजार है. सुषमा स्वराज की इस यात्रा से महज तीन माह पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस देश की ऐतिहासिक यात्रा की थी. वी इन आई