नई दिल्ली 25 नवंबर (वीएनआई) संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत गुरुवार से हो रही है. केंद्र सरकार इस सत्र के दौरान जीएसटी समेत कई अहम बिल पास कराने की तैयारी में है.इस सत्र मे सत्ता पक्ष जीएसटी विधेयक को पारित कराने पर ध्यान केंद्रित करते हुए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए अपनी इच्छा जता चुका है।सत्र में विरोध के संकेतों के बीच वरिष्ठ मंत्रियों ने गत मंगलवार को सदन में समन्वय के लिए रणनीति तैयार की और विचार-विमर्श किया, एनडीए के मंत्रियों ने संसद के दोनों सदनों में चर्चा के लिए लाए जाने वाले विधायी प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया, जिनमें अध्यादेशों का स्थान लेने संबंधी तीन विधेयक, जीएसटी विधेयक, भूसंपदा नियमन विधेयक आदि शामिल हैं।मंत्रियों ने दादरी की घटना, तर्कवादी लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या और ऐसी ही अन्य हाल ही मे हुई घटनाओं पर भी चर्चा की, जिनके आधार पर कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता का अभियान चलाया जा रहा है।
वहीं विपक्ष ने सहिष्णुता समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. कांग्रेस, जेडीयू और सीपीएम जैसे दलों ने अपने इरादे साफ करते हुए असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस देने का फैसला किया है।
बताया जाता है कि विपक्ष अपने आक्रामक तेवर अगले सोमवार से जाहिर करेगा, जब सरकार संविधान और इसके निर्माता बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर चर्चा के लिए दो दिन की विशेष बैठक के बाद अपने विधायी कामकाज का एजेंडा सदन में रखेगी, ये दल सुधार के एक प्रमुख कदम जीएसटी पर भी सरकार को निशाने पर लेंगे।
इससे पूर्व शीतकालीन सत्र के दौरान सदन को सहजता से चलाने के लिए कल (बुधवार) सभी दलों की बैठक हुई जिसमे पीएम मोदी भी शामिल हुए, यह बैठक लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गयी थी है।