देहरादून/नयी दिल्ली,10 मई (शोभनाजैन/वीएनआई) उत्तराखंड में पिछले पौने दो महीने से चला आ रहा राजनीतिक बंवंडर और राजनैतिक रस्साकसी का आज फिलहाल पटाक्षेप हो गया लगता है . राज्य के अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज भारी राजनैतिक कयासो के बीच राज्य विधान सभा मे शक्ति परीक्षण मे बहुमत प्राप्त कर लिया है. सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य विधानसभा में हुए इस शक्ति परीक्षण मे श्री रावत को 34 वोट पड़े हैं जबकि सत्ता पर काबिज होने की कौशिश मे लगी भाजपा के पक्ष में 28 वोट पड़े . शक्ति परीक्षण का औपचारिक परिणाम कल सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा. शक्ति परीक्षण के बाद कॉग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के आग्रह पर उच्चतम न्यायल्य ने कहा कि इस फैसले की घोषणा कल सुबह साढे दस बजे की जायेगी.श्री रावत के बहुमत परीक्षण मे विजयी होने के संकेत मिलते ही कॉग्रेस मे हर्ष का माहौल व्यापत हो गया जबकि विपक्षी खेमे भाजपा मे आत्म मंथन शुरू हो गया. कॉग्रेस अध्यक्ष सोनिया गॉधी ने भी इस परिणाम पर खुशी जाहिर करते हुए कहा " दैट्स ग्रेट" चुनाव पंडितो के अनुसार अभी यह स्पष्ट नही हो रहा है कि श्री रावत के शक्ति परीक्षण मे बहुमत हासिल करने की उच्चतम न्यायालय मे घोषणा के बाद राष्ट्रपति शासन कब हटाया जायेगा. इसी बीच ऐसे संकेत है कि अगर न्यायलय कल राष्ट्रपति शासन हटा लेता है और श्री रावत दोबारा मुख्य मंत्री बनते है तो राज्य मे वे बहुत जल्द चुनाव कराने का एलान कर सकता है श्री रावत ने भी शक्ति परीक्षण के बाद कहा उत्तराखंड से जल्द ही अनिश्चितता के बादल छंट जायेंगे
इससे पहले शक्ति परीक्षण के पहले व्याप्त अनिश्चितता के माहौल मे कांग्रेस विधायक रेखा आर्य भी बागी हो गई. वह आज सुबह उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष से मिलीं और भाजपा विधायकों के साथ पीली साड़ी पहन विधानसभा पहुंचीं.लेकिन फ्लोर टेस्ट के पहले बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी के पत्ते खोलते हुए साफ कर दिया था कि वे कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं भाजपा के साथ उनकी कोई डील नहीं हुई है.
आज सुबह शक्ति परीक्षण से पहले श्री रावत ने सधे हुए आश्वस्त स्वरो मे कहा " भगवान केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ सब हमारे साथ हैं. जनता हमारे साथ हैं. सब एकजुट हैं जो हमको सहयोग करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा का कुछ भी दावा हो पर उत्तराखंड की जीत होगी.'शक्ति परीक्षण के बाद हरीश रावत ने कहा कि निश्कर्ष लिफाफे में बंद है जिसकी घोषणा कल सुप्रीम कोर्ट करेगा. हम कोर्ट का सम्मान करते हैं. विधानसभा से निकलते समय कांग्रेस विधायकों वे विक्ट्री का साईन बनाया जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि शक्ति परीक्षण के दौरान रावत को जीत मिल चुकी है. जीत की मुस्कान कांग्रेस विधायकों के चेहरे पर साफ तौर पर देखा जा सकता है
दूसरी तरफ शक्ति परीक्षण के बाद भाजपा विधायक तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हाथ उठाकर वोटिंग की प्रक्रिया हुई. परिणाम लिफाफे में बंद हो चुका है जिसे कल सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में खोला जाएगा. वहीं भाजपा विधायक गणेश जोशी ने कहा कि भाजपा सैद्धांतिक रुप से विजयी हुई है लेकिन हम आंकड़ों के खेल में रह गए हैं. कांग्रेस ने धन-बल का प्रयोग किया है. यही कारण है कि सदन के अंदर आंकडों के खेल में हम पिछड़ गए हैं. हमने धन-बल का प्रयोग नहीं किया यदि हम प्रयोग करते तो हमारी जीत हो सकती थी.
दरअसल उत्तराखंड मे राजनैतिक तूफान 18 मार्च को शुरू हुआ जबकि राज्य विधानसभा में विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की भाजपा की मांग का कांग्रेस के नौ विधायकों ने समर्थन किया था, विधायको के बागी होने के बाद राज्य में सियासी तूफान पैदा हो गया और उसकी परिणिति 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन के रूप में हुई थी. पूरा मामला नैनीताल उच्च न्यालय के बाद उच्चतम न्यायलय मे पहुंचा
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा में 10 मई को शक्ति परीक्षण का आदेश देते हुए कहा था कि विशेष रूप से आहूत दो घंटे के सत्र के दौरान राष्ट्रपति शासन लागू नहीं रहेगा. पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक विधानसभा सत्र का आयोजन शक्ति परीक्षण के ‘एकमात्र एजेंडे’ के लिए होगा. सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रधान सचिव जयदेव सिंह को उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को होनेवाले फ्लोर टेस्ट का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था. देहरादून में धारा 144 लागू कर दी गयी है. विधानसभा में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर रोक था. भारत के इतिहास मे यह पहला मौका था जब कि दो घंटे के लिये राष्ट्रपति शासन हटाया गया
शक्ति परीक्षण में कांग्रेस के नौ बागी विधायक वोट नहीं दे पाये, क्योंकि सोमवार को ही पहले हाइकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत नहीं दी. फ्लोर टेस्ट के नतीजे सार्वजनिक नहीं किये जायेंगे. इसे सुप्रीम कोर्ट में को सुनवाई के दौरान पेश किया जायेगा.उत्तराखंड का मुद्दा संसद मे भी छाया रहा. कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन का अनैतिक करार देते हुए कहा कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या की गयी है. वहीं भाजपा ने कहा कि सबसे अधिक बार संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करनेवाली कांग्रेस को इस विषय पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. लोकसभा ने उत्तराखंड का बजट पारित कर दिया.वी एन आई