नई दिल्ली 9 मई (अनुपमा जैन/वीएनआई) राजनैतिक बंवडर मे फंसे उत्तराखंड के लिये आज का दिन खासा अहम नैनीताल उच्च न्यालय आज कांग्रेस के बाग़ी विधायकों की सदस्यता की वैधता पर अब से कुछ देर मे यानि दस बजे फ़ैसला सुनाएंगा। बाग़ी विधायकों ने उनकी सदस्यता रद्द करने के विधानसभा अध्यक्ष के फ़ैसले को चुनौती दी थी . अहम ह।गौरतलब है कि शनिवार को हाइकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए फ़ैसले को सुरक्षित रख लिया था। आज का फैसला बेहद अहम है क्योंकि कल यानि 10 मई को उच्चतम ्न्यायालय ने राज्य के बर्खास्त मुख्यमंत्री हरीश रावत को विधानसभा में विश्वासमत हासिल क्स्रने का निर्देश दिया है. ये बागी विधायक है सर्वश्री अमृता राव,हरक सिंह रावत,प्रदीप बतरा, प्रणव सिंह, शैला रानी रावत,, शैलेंद्र मोहन सिंघल, सुबोध उनियाल, उमेश शर्मा और विजय बहुगुणा,.
न्यायमूर्ति यू सी ध्यानी ने शनिवार को दोनों पक्षों के बीच करीब तीन घंटे की सुनवाई और पक्ष सुनने के बाद कहा था ‘‘सुनवाई सम्पन्न हो गई है। मैं नौ मई को पूर्वाह्न सवा दस बजे निर्णय सुनाऊंगा।’’|अगर हाइकोर्ट का फ़ैसला बाग़ी विधायकों के पक्ष में आता है तो ये मामला सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है और वोटिंग के लिए आदेश में संशोधन भी हो सकता है।उच्चतम न्यायालय ने सदन में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश देते हुए कहा था कि अयोग्य घोषित किए गए विधायक उस सूरत में मतदान में भाग नहीं ले सकेंगे जबकि उनकी अयोग्यता बरकरार रहती है। शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि यदि मतदान के समय उनकी (अयोग्य विधायकों) की वही स्थिति रही तो वे सदन में हिस्सेदारी नहीं कर पाएंगे। न्यायालय ने यह भी कहा था, ‘‘हालांकि वर्तमान मामले में हमारी टिप्पणी से विधानसभा के अयोग्य घोषित सदस्यों के मामले के गुण दोष के मामले में किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं होगा।’’
उल्लेखनीय है कि 18 मार्च को विधानसभा में विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की बीजेपी की मांग का कांग्रेस के नौ विधायकों ने समर्थन किया था, जिसके बाद प्रदेश में राजनैतिक तूफान पैदा हो गया जिसका नतीजा 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन के रूप में सामने आया।वर्तमान में 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 28 विधायक, कांग्रेस के 27, बसपा के दो, तीन निर्दलीय और एक उत्तराखंड क्रांति दल का है। दस बागी विधायकों में से नौ कांग्रेस के और एक भाजपा का है।वी एन आई