नई दिल्ली, 28 फरवरी (शोभना,अनुपमा जैन,वीएनआई) अच्छे दिनो की उम्मीदो के बीच दीर्घकालिक विकास पर जोर देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज 2022 तक देश से गरीबी हटाने के संकल्प के साथ वर्ष 2015-16 का बजट पेश किया,लेकिन बजट मे समाजिक सुरक्षा की अनेक अहम घोषणाओ, आधारभूत क्षेत्र मे भारी निवेश बढाने,कृषि क्षेत्र मे विस्तार की सकारात्मक घोषणा के साथ \'सर्विस कर\' बढाने की घोषणा से आम आदमी को मंहगाई बढने की चिंता सताने लगी है ,साथ ही आय कर दाताओ ने आय कर सीमा नही बढाये जाने पर रिहाई पर निराशा जताई है. दूसरी तरफ कोरपोरेट जगत ने कोर्पोरेट कर के अगले चार वर्षो मे 30 प्रतिशत से घट कर 25 प्रतिशत किये जाने पर खुशी जताई और कहा कि इससे उद्योगो मे निवेश बढने से देश मे रोजगार के नये अवसर पैसा होंगे.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले पूर्ण बजट भाषण मे वित्त मंत्री ने अर्थ व्य्वस्था मे सुधार लाने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए पहली बार गरीबो के लिये समाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के साथ सामाजिक सुरक्षा की अनेक घोषणाओ के साथ ही,काला धन से निबटने के लिये प्रभावी कदम उठाने व सख्त कानून बनाने, निवेश जुटाने के लिये रेलवे, सड़क तथ सिचाई के लिये कर मुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर बॉड, गॉल्ड बोंड जारी किये जाने से दूरगामी परिणाम वाले उपायो की घोषणा की . बजट मे कर प्रक्रिया सरल बनाने की अनेक घोषणाओ के साथ बजट मे उन्होने गरीबो,किसानो पर केन्द्रित अनेक योजनाओ की घोषणा की साथ ही उद्योगो के लिये मुद्रा बेंक बनाने की घोषणा की.प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहा इस बजट को प्रगतिशील,सकारात्मक और साफ विजन का बजट बताया और कहा कि यह बजट किसानो, गरीबो और नौजवानो का है वही कॉग्रेस् अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे कोरपोरेट जगत का बजट बताया .बजट पर उद्योग जगत ने जहा कोरपोरेट कर मे कटौती करने पर खुशी जताई है पर हैरानी की बात यह रही कि बजट का बाजार पर अच्छा असर नही रहा ,इसके फौरन बाद बाजार लुढक गया, वही आम आदमी ने सर्विस कर बढाये जाने बजट से बढने वाली मंहगाई पर चिंता जताई . कुछ ने कहा कि सरकार बजट मे बचत पर जोर दे रही है लेकिन भारत जैसे विकासशील देश मे जहा गरीब की तो बात तो छोड़ दे मिडल क्लास भी मंहगाई की वजह से रोजमर्रा की गुजर बसर से चिंतित रहता है, ऐसे मे उससे बचत की बात करना कहा तक सही है
बजट मे सर्विस कर मे बढोतरी से धूम्रपान व अन्य तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल अब महंगा होगा। वहीं सेवा कर की दरों में बढ़ोतरी से कई सुविधाएं मसलन होटल में खाना, हवाई यात्रा या अन्य ऐसे बिलों का भुगतान महंगा हो जाएगा। पूर्ववर्ती वित्त मंत्रियों की तरह वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी धूम्रपान करने वाले या तंबाकू का सेवन करने वालों की जेब और ढीली करने की व्यवस्था की। बजट में इन पर उत्पाद शुल्क की दरों में भारी वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। वहीं सेवा कर को 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किए जाने से कई तरह की चीजें महंगी हो जाएंगी। हालांकि वित्त मंत्री ने आम आदमी को मूल्यवृद्धि से राहत देते हुए रोजाना के आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर शुल्कों में बदलाव नहीं किया है। जो वस्तुएं सस्ती हुई हैं उनमें चमड़े के फुटवियर, स्थानीय स्तर पर विनिर्मित मोबाइल, कंप्यूटर टैबलेट, माइक्रोवेव अवन, मूंगफली का मक्खन, पैकेटबंद फल, एंबुलेंस सेवाएं और अगरबत्ती शामिल है।
वित्त मंत्री ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के बाद एनडीए सरकार का पूर्णकालिक बजट 2015-16 पेश करते हुए आज के आर्थिक माहौल को हाल के वर्षो के मुकाबले अधिक सकारात्मक बताते हुए कहा कि गत नौ मही्ने इस अवधि मे देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई कदम उठाए गए।अरुण जेटली ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा उठाए गए सुधारवादी कदमों के कारण देश की साख दोबारा मजबूत होने से अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में पहुंच गई उन्होने कहा \' देश के लिए उड़ान भरने का अवसर है \' वित्त मंत्री कहा कि इस अवधि के दौरान प्रत्यक्ष कर के जरिए 14.49 लाख करोड़ रुपये की उगाही का अनुमान है। श्री जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में 17.77 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में अपनी सरकार की कई उपलब्धियों को गिनाया साथ ही यूपीए सरकार पर निशाना साधा.
वित्त मंत्री ने लगभग पौने दो घंटे के भाषण मे कहा कि 2015-16 में गैर नियोजित खर्च 13.12 लाख करोड़ रुपये और नियोजित खर्च 4.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। आय छिपाने वाले कठोर दंड के भागी होंगे।्श्री जेटली ने इसके साथ ही काले धन पर महत्वपूर्ण नया कानून लाये जाने के साथ ्ही काले धन के सृजन और उसे छिपाने के कृत्य से प्रभावी और बलपूर्वक निपटा जाएगा। उन्होने .कहा कि इस मामले में स्विस अधिकारियों के साथ बातचीत का एक प्रमुख सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है। बजट मे सुपर रिच यानि एक करोड़ रुपये से अधिक की कमाई पर दो प्ररिशत अधिभार देना होगा। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहा इस बजट को प्रगतिशील,सकारात्मक और साफ विजन का बजट बताया और कहा कि यह बजट किसानो, गरीबो और नौजवानो का हैवही कॉग्रेस्स अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे कोरपोरेट जगत का बजट बताया.अरुण जेटली ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा उठाए गए सुधारवादी कदमों के कारण देश की साख दोबारा मजबूत होने से अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में पहुंच गई
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है और अगले तीन सालों में इसे और घटाकर तीन फीसदी तक लाए जाने का लक्ष्य है। जेटली ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश करते हुए कहा, \"हमारा वित्त वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटा 4.1 फीसदी लाने का लक्ष्य है।\" उन्होंने कहा, \"हमारी योजना अगले तीन सालों में इसे तीन फीसदी करना है। 2015-16 में 3.9 फीसदी, 2016-17 में 3.5 फीसदी और 2017-18 में तीन फीसदी का लक्ष्य है।\"देश के लिए नए अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को लागू करने की सरकार की मंशा व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून अप्रैल 2016 से लागू करने की घोषणा की है।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अटल पेंशन योजना और सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा योजना समेत कुछ कम लागत वाली नयी पेंशन व बीमा योजनाओं की आज घोषणा की. उन्होंने कहा कि अटल पेंशन योजना के तहत योजनाधारक को अंशदान के मुताबिक परिभाषित पेंशन का लाभ प्राप्त होगा.
इसमें से 50 प्रतिशत योगदान सरकार करेगी. उन्होंने कहा \'सरकार ने हर भारतीय के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा के लिए काम करने का प्रस्ताव किया है.\' इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना पेश करने का प्रस्ताव किया ताकि बीमा की पहुंच बढाई जा सके. इसे प्रधानमंत्री जनधन योजना से जोडा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सिर्फ 12 रुपये के प्रीमियम पर दो लाख के कवरेज की योजना पेश की जाएगी. उन्होंने कहा \'इन सामाजिक योजनाओं के पीछे हमारी मंशा है कि कोई व्यक्ति पैसे के अभाव में बीमारी या बुढापे की दिक्कतों से नहीं जूझे.\'
कर प्रणाली सरल बनाये जाने की घोषणा करते हुए श्री जेटली ने कहा, \"हम एक अत्याधुनिक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली जीएसटी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जीएसटी को एक अप्रैल 2016 से लागू किया जाएगा।\" एसटी के लागू होने से बड़ी संख्या में केंद्रीय और राज्य करों के बजाए देश भर में सिर्फ एक समान कर प्रणाली प्रभावी हो जाएगी, जिससे सामान्य राष्ट्रीय बाजार के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। देश मे आधार्भूत ढांचे के विकास पर जोर देते हुए उन्होने कहा कि सरकार दो लाख किलोमीटर सड़क मार्ग बनाना चाहती है।
उन्होने कहा कि इसमें से एक लाख किलोमीटर सड़क मार्ग पर काम चल रहा है और सरकार ने अतिरिक्त एक लाख किलोमीटर सड़क निर्माण को मंजूरी दी है। वित्त वर्ष 2015-16 के आम बजट में आयकर के दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है और अगले तीन सालों में इसे और घटाकर तीन फीसदी तक लाए जाने का लक्ष्य है।बजट प्रस्तावो में आर्थिक विकास की रूप रेखा पेश करते हुए बजट मे मनरेगा के लिये आवंटन 50,000 करोड़ रुपये और बढाने की घोषणा भी की गई वी एन आई