नई दिल्ली,22 जनवरी (वीएनआई/शोभना जैन) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व आर्थिक फोरम की बैठक में हिस्सा लेने आज सुबह स्विटजरलैंड के खूबसूरत शहर दावोस रवाना हो गये. कल प्रधान मंत्री इस सम्मेलन के पूर्ण अधिवेशन संबोधित करेंगे और दुनिया भर से भारत मे निवेश करनेका आहवान करेंगे.
सूत्रो के अनुसार उनकी कोशिश दुनिया के आर्थिक जगत से भारत के‘मेक इन इंडिया’ के तहत वैश्विक कंपनियों को देश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की होगी.सम्मेलन मे दुनिया भर के अनेक शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं जिस में अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इंगलेंड की प्रधान ंत्री थेरेसा मे, जर्मनी की चासंलर एंजेला मर्केल, इजरायाल की प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू , इटली के प्रधानमंत्री पाउलो गेटिलोअली, फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रोन, और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो शामिल होंगे. पीएम मोदी 21 साल बाद दावोस जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे. इससे पहले 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा दावोस समिट में शामिल हुए थे. उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी दावोस गया है, जिसमें छह केबीनेट मंत्री शामिल है, जिन में सर्व श्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, सुरेश प्रभु धर्मेंद्र प्रधान, जितेंद्र सिंह और एम जे अकबर शामिल हैं. उद्योग इकाई सीआईआई के नेतृत्व में सीईओ प्रतिनिधिमंडल में मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, अजीम प्रेमजी, राहुल बजाज, एन चंद्रशेखरन, चंदा कोचर, उदय कोटक और अजय सिंह समेत अन्य लोग शामिल हैं.
जानकारो के अनुसार 27 जनवरी तक चलने वाले इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी , अपने भाषण में वो भारत को खुली अर्थव्यवस्था के रूप में पेश कर सकते हैं. भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भागीदार, भारत में कारोबार को आसान बनाने, भ्रष्टाचार और काला धन खत्म करने, टैक्स प्रणाली सरल बनाने और देश के निरंतर विकास के लिए उठाए गए जरूरी कदमों पर भी प्रधानमंत्री चर्चा कर सकते हैं. सम्मेलन में भारत को आर्थिक शक्ति के साथ प्राचीन समृद्ध सासंकृतिक सभयता के रूप मे भी पेश किया जा रहा है. इस दौरान भारतके बेहतरीन लजीज व्यंजनों और वर्षों पुरानी विरासत 'योग' के साथ यंग, इनोवेटिव न्यू इंडिया’ की भावना के साथ पेश किया जा रहा है.आज रात प्रधान मंत्री मोदी दुनिया भर की कंपनियों के सीईओ के डिनर कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे. इसमें 20 भारतीय कंपनियां और 40 अलग-अलग देशों की कंपनियां शामिल हैं. इस रात्रि भोज मे भारत के लजीज व्यंजनो के साथ भारत की सासंकृतिक छटा भी बिखरी दिखाई देगी रवाना होने से पूर्व पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे यकीन है कि द्विपक्षीय मुलाकातें फलदायी होंगी. इन देशों के साथ हमारे संबंध और आर्थिक सहयोग मजबूत होगा.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘समकालीन अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और वैश्विक सरकारी ढांचे के सामने मौजूदा और उभर रही चुनौतियों पर नेताओं, सरकारों, नीति निर्माताओं, कॉरपोरेट और सामाजिक संगठनों द्वारा गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.’ उन्होंने सम्मेलन के मुख्य मंत्र ‘क्रिएटिंग अ शेयर्ड फ्यूचर इन अ फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ को विचारपूर्ण और उचित बताते हुए कहा, ‘मुझे भारत के अच्छे दोस्त और मंच के संस्थापक प्रोफेसर क्लाउस श्वाब के निमंत्रण पर दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने का इंतजार है.’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सम्मेलन मे समापन भाषण करेंगे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहीद खाकान अब्बासी भी दावोस में होंगे लेकिन भारतीय अधिकारियों का कहना है कि उनके और मोदी के बीच बैठक की कोई योजना नहीं है. वहीं प्रधानमंत्री मोदी स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. बुधवार को डब्ल्यूईएफ के अंतरराष्ट्रीय व्यापार समुदाय के 120 सदस्यों के साथ फिल्म अभिनेता शाहरुख खान, ऑस्ट्रेलियाई अभिनेत्री केट ब्लेन्चेट और संगीतकार एल्टन जॉन का भी सम्मेलन में सम्मान किया जाएगा गौरतलब है कि दावोस में हर साल विश्व आर्थिक फोरम की बैठक होती है जिसमें दुनियाभर के नेताओं और उद्योगपतियों का जमावड़ा लगता है, दिलचस्प बात यह है कि इस आयोजन में केवल वही हिस्सा ले सकता है जिसे निमंत्रण मिला हो. इस बैठक में करीब 2500 लोग हिस्सा लेते हैं. दावोस सम्मेलन को एलीट क्लास के सम्मेलन के रूप में देखा जाता है. दावोस में सरकारी और गैर-सरकारी व्यक्ति और संगठन एक साथ मिलकर वैश्विक विकास के लिए फैसले लेते हैं.विश्व आर्थिक फोरम एक गैर-सरकारी संस्था है जिसकी स्थापना 1971 में हुई थी और इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के जिनेवा में है.इनका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ लाकर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक विकास को बढ़ाना है.
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