नयी दिल्ली/बीजिंग 22 जून(शोभनाजैन/वीएनआई)एनएसजी डिप्लोमेसी की छाया मे हो रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम शिखर सम्मेलन मे हिस्सा लेने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी आज उजबेकिस्तान की राजधानी ताशकंद पहुंच गये.एनएसजी की सदस्यता के लिये भारत के जोरदार राजनयिक प्रयासो के चलते यह बैठक खासी अहम हो गई है.चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ताशकंद में शुरू होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे जिसमें उम्मीद की जा रही है कि भारत एनएसजी में अपनी सदस्यता के लिए चीन से समर्थन का आग्रह करेगा, जो कि भारत की सदस्यता के मसले पर भारत् का विरोध कर् रहा है.ह वाई अडडे पर उज्बेकिस्तान के प्रधान मंत्री ने उनकी अगवानी की.इस अवसर पर उनका पंरपरगत ढंग से स्वागत किया गया .एससीओ सम्मेलन से अलग हट कर मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी कल मुलाकात होगी. गौरतलब है कि आज से ही सोल् मे ४८ सदस्यीय कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की बैठक शुरू हो रही है. विदेश सचिव एस जयशंकर एनएसजी की पूर्ण बैठक मे भारत की सदस्यता के लिये समर्थन जुटाने सोल मे ही है.अमेरिका के बाद भारत के प्रयासों को फ्रांस का भी पुरजोर समर्थन मिल रहा है.
इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर बैठक के लिये रवाना होने से पूर्व कहा "भारत, शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य बनने से प्रसन्न है और शंघाई सहयोग संगठन के माध्यम से विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में सहयोग के सार्थक परिणामों के प्रति आशान्वित है। गौरतलब है कि भारत पहली बार इस बैठक मे पूर्ण सदस्य् के रूप मे हिस्सा ले रहा है
उन्होने कहा "भारत मध्य एशिया के साथ संबंधों को काफी महत्व देता है और हमेशा इस क्षेत्र के साथ आर्थिक तथा लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाना चाहता है।"
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दोनो शिखर नेताओ के बीच इस प्रस्तावित मुलाकात के बारे मे कहा कि दोनों नेता उज्बेक राजधानी में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे. शी के साथ अपनी मुलाकात में उम्मीद की जा रही है कि मोदी परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने की भारत की मुहिम के प्रति चीन के समर्थन का आग्रह करेंगे.
प्रवक्ता ने इन खबरो का खंडन किया कि चीन एनएसजी में भारत का प्रवेश ब्लाक कर रहा है. उन्होंने कहा कि एनएसजी में भारत के प्रवेश के संदर्भ में मैं यह सही करना चाहूंगी कि यह शब्द उचित नहीं है कि चीन भारत की सदस्यता ब्लाक कर रहा है. हुआ ने कहा कि शब्द ‘ब्लाकिंग' उचित नहीं है. एनएसजी एजेंडा में हमने गैर-एनपीटी देशों के प्रवेश का विषय कभी नहीं देखा. इस लिए, यह कहना मतलब नहीं रखता कि हम प्रवेश ब्लाक कर रहे हैं.'
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि जैसा हम सभी देख सकते हैं सभी देश इस विषय पर चिंतित हैं और एनएसजी में गैर-एनपीटी देशों के प्रवेश से जुडे विषयों पर एनएसजी के अध्यक्ष की अध्यक्षता में चर्चा की गई है.' हुआ ने कहा कि हमें उम्मीद है कि संबंधित चर्चा जारी रहेगी और चीनी पक्ष इस चर्चा में रचनात्मक हिस्सा लेगा.वी एन आई