लेकिन काफी खूबियाँ भी हैं सोनिया गांधी में : नटवर सिंह

By Shobhna Jain | Posted on 11th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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नयी दिल्ली 31 अगस्त,(शोभनाजैन वीएनआई) हाल ही मे प्रकाशित अपनी आत्मकथा मे सोनिया गांधी को महत्वाकांक्षी, निष्ठुर राजनेता और सत्तालोलुप बताये जाने पर राजनैतिक जगत मे उठे बवंडर के बीच पूर्व विदेश मंत्री श्री नटवर सिंह का कहना है कि सोनिया गांधी में खामियों के साथ साथ काफी खूबियाँ भी हैं, उनका कहना है कि भले ही राहुल गांधी ने अपनी माँ सोनिया गांधी की सुरक्षा से चिंतित हो उन्हे 2004 मे प्रधानमंत्री बनने को मना किया था , लेकिन अगर उन्हे (श्री राहुल गांधी ) कभी स्वयं प्रधानमंत्री बनने की जिम्मेवारी मिलती है तो श्री राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद की जिम्मेवारी निभाना स्वीकार कर लेंगे . श्री सिंह का यह भी मानना है कि वोल्कर मामले मे उनका नाम घसीटा जाना ,उनकी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा झटका है .उनका यह भी कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का \'आकलन\' इतिहास भी उदारता से नही कर पायेगा क्योंकि विशेष तौर पर यू पी ए द्वितीय कार्यकाल मे उनकी प्रधानमंत्री के रूप मे \" रेटिंग \" बहुत नीचे है , पूर्व कांग्रेस नेता श्री सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रशंसक हैं, उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ बहुत अच्छे फैसले लिये हैं जिसमे विदेश नीति से जुड़े फैसले भी हैं. अपनी सद्य प्रकाशित आत्मकथा \" वन लाईफ इज़ नॉट इनफ \" से राजनीति मे उठे ग़ुबार के बीच वी एन आईको दिये एक विशेष साक्षात्कार मे श्री सिंह ने सवालों के जवाब मे कहा \" गांधी परिवार मे बहुत एकता है, प्रियंका के सक्रिय राजनीति मे आने के बारे मे प्रियंका, सोनिया और राहुल तीनों मिल कर ही फैसला करेंगे साथ ही उन्होने यह भी कहा कि अगर प्रियंका राजनीति मे आती हैं तो राहुल कहाँ जायेंगे ? उन्होने कहा ‘ वैसे फिलहाल तो प्रियंका सक्रित राजनीति मे आने से खुद ही इन्कार कर चुकीं है ’. श्री सिंह ने इस इन्टरवियू मे वोल्कर मामले , कांग्रेस के भविष्य, नेहरू गांधी परिवार के साथ रिश्ते , मोदी सरकार सोनिया गांधी की संभावित पुस्तक, विदेश नीति ,अपनी राजनैतिक यात्रा आदि तमाम पहलुयों पर बेबाकी से बातचीत की . यह पूछे जाने पर कि सोनिया गाँधी के बारे मे जो उन्होने लिखा , क्या सही मायने मे उनकी यही राय है या वोल्कर मामले को लेकर गांधी परिवार के साथ रिश्तों मे आई खटास की वजह से यह सब लिखा गया ? तो उन्होने कहा \' इस वर्ष के प्रारंभ मे जब एक अंग्रेज़ी दैनिक ने इस पुस्तक के बारे मे उनसे बातचीत की थी तो मैने कहा था - जो लिखूँगा ,सच लिखूँगा , ओछापन मेरे स्वभाव मे नही है , उसी के बाद प्रियंका वाड्रा और सोनिया गांधी ने मेरे आवास पर मुझ से मुलाक़ात की थी तथा पुस्तक के बारे मे कुछ चर्चा की थी \', उन्होने यह भी कहा कि पुस्तक प्रकाशित होने के बाद गांधी परिवार का उनसे कोई सम्पर्क नही हुआ, अलबत्ता श्रीमति गांधीसे उनकी पुस्तक के अंशों पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर जवाब मे उनके द्वारा खुद एक किताब लिखने की बात से श्री सिंह को हैरानी हुई , उन्हे श्रीमति गांधी की पुस्तक का अब इन्तज़ार है . श्रीमति सोनिया को लेकर पुस्तक मे की गयी उपरोक्त टिप्पणी के बारे मे पूछे गये सवालों के जवाब मे उन्होने कहा \'हर इन्सान की ज़िन्दगी मे दो तीन पहलू होते हैं \', उस पर ज़्यादा चर्चा न करते हुए उन्होने कहा \' श्रीमति सोनिया उनके परिवार की त्रासदियों मे हमेशा उनके साथ रहीं,चाहे वह उनकी बीमारी के समय हो या उनकी बिटिया की मौत के समय हो, वो हौसला देने के लिये साथ खड़ी रहीं , इन बातों को वे तथा उनका परिवार कभी भूल नही सकता है, निजी तौर पर उनसे मिलिये तो वे हंसमुख हैं, अच्छी तरह से बात करती हैं लेकिन सब जानते है वे लोगों से ज़्यादा घुलती मिलती नही हैं\', लेकिन विल्कर मामले मे कांग्रेस व तत्कालीन सरकार ने उनके व उनके परिवार के साथ जो कुछ सलूक किया वो उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा झटका था और यह ऐसा झटका था जो उन्हे बेकसूर होने के बावजूद लगा, वो इस बात से बहुत आहत हैं कि सोनिया गांधी से उनके परिवार के घनिष्ठ रिश्ते होने के बाद भी सोनिया गांधी ने उन्हे एक बार भी इस विवाद की सुर्खिया बनने और उनका नाम उसमे घसीटे जाने के बाद मिलने के लिये बुलाया तक भी नही और वे खुद भी उनसे मिलने नही गये , आखिर जाते भी क्यों? \'मुझे उम्मीद थी कि वह ऐसा कुछ कहतीं कि मै उन्हे अच्छी तरह से जानती हूँ वो कभी भी ऐसा कुछ नही करेंगे पर उन्होने ऐसा नही कहा उल्टे कांग्रेस पार्टी की एक महासचिव ने यह जानते हुए भी कि खुद कांग्रेस पार्टी का नाम भी इस मामले मे था, वोल्कर मामले को नटवर सिंह का मामला बता कर उनसे पल्ला झाड़ लिया और यह बात हम सब समझ सकते है कांग्रेस पार्टी का वह बयान निश्चित तौर पर श्रीमति सोनिया गाँधी की मंज़ूरी के बगैर नही आया होगा\', इस पूरे दौर मे उन्हे तथा उनके परिवार को बुरी तरह से परेशान किया गया. छापे ,कानूनी कार्यवाही और न जाने क्या क्या?, मामला अभी तक लटका पड़ा है हालाँकि न्यायमूर्ति पाठक ने अपनी जांच मे कहा कि इस बात के कोई प्रमाण नही है कि नटवर सिह ने इस मामले मे कोई वित्तीय लाभ लिया.श्री सिंह ने कहा \'शायद उनके आस पास घिरे कांग्रेस जनो ने श्रीमति सोनिया से कहा कि \'श्री सिंह के आपके परिवार के साथ करीबी रिश्ते हैं तो लोग समझेंगे कि पैसा आपने लिया..\'और दोनों के बीच दूरियां बनती गयीं श्री सिंह ने कहा \'सवाल तो यह है कि मैने तो पैसा लिया ही नही तो पैसा लिया किसने?\' वोल्कर की सच्चाई अभी तक सामने नही आयी है, उन्होने कहा \'मै तल्ख नही हैं न ही मुझे किसी बात का कोई गिला है और न ही इस क़िताब के ज़रिये मै किसी को बुरा भला कहना चाहता हूँ, मै 83 वर्ष का हो चुका हूं, इस क़िताब के ज़रिये मैं अपने परिवार के लिये कुछ ऐतिहासिक विरासत छोड़ना चाहता हूं, वैसे भी इस उम्र मे तल्खियाँ पालने का क्या फायदा?\'. नटवर सिंह की पुस्तक पर सोनिया गांधी की यह टिप्पणी \'वे भी जल्द ही अपनी क़िताब लिख कर अपनी बात कहेंगी \' श्री सि्ह ने कहा \'मै भी किताब का इन्तज़ार कर रहा हूँ\' सवालों के जवाब मे उन्होने कहा \'अगर श्रीमति गांधी की पुस्तक मे ऐसा कुछ हो जो मुझ से जुड़ा हो तो अगर ज़रूरी हुआ तो मै कुछ नयी अनकही बातें अपनी अगली पुस्तक मे लिखूंगा और जवाब दूंगा, लेकिन कौन जाने कल क्या हो?, मै 83 साल का हो चुका \', गौरतलब है आत्मकथा मे हुए कुछ रहस्योद्घाटन से उठे विवाद के बाद श्री सिंह ने कहा था \'अभी काफी कुछ अनकहा बचा है..\' श्री सिंह इस बात से बेहद खुश हैं कि यह पुस्तक काफी चर्चा मे है और इसकी काफी मांग है\' श्री नटवर सिंह ने कहा \'सोनिया गांधी एक ऐतिहासिक हस्ती हैं ,उन्हे खुशी है कि् वे किताब लिखेंगी\', रॉबर्ट वाड्रा के बारे मे पूछे गये एक सवाल के जवाब मे उन्होने कहा कि वो इस बारे मे कुछ नही कहना चाहते. श्रीमति इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के कार्यशैली तथा शख्सियत मे अंतर के बारे मे पूछे उन्होने सिर्फ इतना कहा \'सोनिया गांधी आज जो कुछ है श्रीमति इंदिरा गाँधी की वजह से ही हैं, यहाँ तक कि सोनिया गांधी खुद भी कहती हैं कि उन्होने यहाँ जो कुछ सीखा अपनी सास से ही सीखा \' उन्होने कहा कि श्रीमति इंदिरा गांधी,सोनिया गांधी को बेहद पसंद करती थीं और श्रीमति इंदिरा गांधी ने ही सोनिया गांधी को भारतीय संस्कृति, समाज के बारे मे समझाया. राहुल गांधी के बारे मे पूछे जाने पर उन्होने कहा \'वे एक बहुत अच्छे इंसान हैं लेकिन राजनीति पार्ट टाईम नही बल्कि 24 घंटों का काम है,आप के मन मे एक आग होनी चाहिये\' उन्होने कहा \'2014 के चुनाव मे राहुल ने कांग्रेस के चुनाव की कमान संभाले थी लेकिन कांग्रेस की इतनी बुरी स्थिती आपात्काल के बाद हुए भी चुनाव मे नही हुई जितनी इस बार हुई लेकिन यह भी सच है अगर सोनिया और राहुल नही होते तो पार्टी टुकड़े टुक़ड़े हो गयी होती, दुःखद यह है कि कांग्रेस मे नेतृत्व को लेकर कोई आकलन नही होता\' उन्होने कहा \'वैसे बहुत जल्द होने वाले चार राज्यों के विधान सभा चुनावों पर कांग्रेस का भविष्य तय होगा\' पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह पर उन्होने कहा \'यू पी ए प्रथम मे उनका काम अच्छा रहा था लेकिन द्वितीय कार्यकाल काफी खराब रहा, डॉ सिंह की इस टिप्पणी पर कि \'इतिहास उनका आकलन करते समय उदारता बरतेगा..\' श्री सिंह के कहा \'इस सबके मद्देनज़र इतिहास उनके प्रति उदार नही हो पायेगा\'. श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार संबंधी सवालों के जवाब मे श्री नटवर सिंह ने कहा\'पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों सहित उन्होने अच्छे फैसले लिये , मोदी सरकार की विदेश नीति मे परिवर्तन की ज़्यादा गुंजायश नही क्योंकि विदेश नीति पर 60-65 वर्ष से चली आ रही राष्ट्रीय सहमति है. उन्होने कहा मै श्री मोदी से बतौर एक हिन्दुस्तानी मिलने गया था, क्योंकि मुझे लगता है कि विदेश नीति के बारे मे मेरी कुछ जानकारी है इसलिये चुनाव पूर्व हुई इस मुलाक़ात मे श्री सिंह ने श्री मोदी से पड़ोसी देशों पर ध्यान देने को कहा था क्योंकि डॉ मनमोहन सिंह ने पड़ोसी देशों को के साथ संबंधों को प्राथमिकता नही दी थी. श्री सिंह ने कहा \'मेरी राजनैतिक पारी खत्म हो गयी है, जीवन मे मैने बहुत उतार चढाव देखें है मुझे लगता है मेरा जीवन असफल तो नही रहा, ज़िन्दगी की शाम मे एक संतोष सा है.. , कौन जाने कब यह जीवन यात्रा समाप्त हो जाये?\'

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