नई दिल्ली, 18 सितंबर (शोभनाजैन/वीएनआई) अगले छह माह तक भारत मे आस्ट्रेलिया कला संस्कृति की सतरंगी छटा बिखरेगी. महोत्सव मे ऐसे अनेक कार्यक्रम भी होंगे जिस मे आस्ट्रेलियायी और भारतीय संगीत और कला को एक सूत्र मे पिरो कर पेश किया जायेगा.
ऐसे ही एक कार्यक्रम में मे बंगाल का सुमधुर बाउल भक्ति लोकसंगीत और आधुनिक आस्ट्रेलियायी जेज संगीत के फ्युजन की स्वर लहरियॉ गूंजेंगी. भारत और आस्ट्रेलिया के बीच बढते हुए रिश्तो को और मजबूत करने के लिये आज से यहा भारत मे अगले छह माह तक चलने वाला आस्ट्रेलिया महोत्सव शुरू हो गया जो कि अगले वर्ष सितंबर तक चलेगा. इस दौरान आस्ट्रेलिया की कला, संगीत,खान पान, फिल्म, साहित्य, रंगमंच और क्रिकेट से जुड़े कार्यक्रम पेश किये जायेंगे.इस दौरान दोनो देशो की जनता के बीच संपर्क बढाने विशेष तौर पर भारतीयों को आस्ट्रेलिया की संस्कृति को और नजदीकी से देखने और समझने के लिये भारत के 20 नगरों में 75 रंगारंग कार्यक्रम पेश किये जायेंगे.
भारत में आस्ट्रेलिया की भारतीय मूल के उच्चायुक्त हरिंदर सिद्धु ने आज यहा एक संवाददाता सम्मेलन मे इस महोत्सव के शुरू होने की औपचारिक घोषणा की. उन्होने कहा कि उन्हे उम्मीद है कि इस बहुरंगी उत्सव ्से दोनो देशो की जनता के बीच एक दूसरे के बेहतर तरीके से जानने देखने का मौका मिलेगा. उन्होने कहा" उनका सदैव ही मत रहा है कि दो देशों के संबंध और प्रगाढ़ बनाने मे दोनो देशो की जनता के बीच संपर्क बढाने की अहम भूमिका होती है.उहोने कहा आस्ट्रेलिया और भारत दोनो स्वाभाविक साथी है और इस साझीदारी की बुनियाद आर्थिक और सामरिक साझीदारी है, सुश्री सिद्धु ने बताया कि भारतीयो के लिये आस्ट्रेलिया अब लोकप्रिय "डेस्टीनेशन" बनता जा रहा है जहा वे घूमने के लिये जा रहे है. उन्होने बताया कि पिछले वर्ष लगभग 3 लाख भारतीय आस्ट्रेलिया पर्यटन के लिये गये और ये संख्या लगातार बढ रही है इसी तरह आस्ट्रेलिया से भारत आने वाले सैलानियों की संख्या 2.7 लाख रही.उन्होने बताया कि इसी तरह भारत से अध्ययन के लिये आस्ट्रेलिया जाने वाले छात्रों की संख्या भी बढ रही है. फिलहाल आस्ट्रीलिया मे भारत के 67,000 छात्र पढ रहे है और यह संख्या लगातार बढ रही है.एक सवाल के जबाव मे उनोंने बताया कि आस्ट्रेलिया की कुल आबादी मे लगभग सात लाख भारतीय मूल के है यानि हर 40 आस्ट्रेलियायी में से एक भारतीय मूल का हैं.सुश्री सिद्धु के माता पिता भी पंजाब से ही थे जो बाद मे आस्ट्रेलिया मे बस गये.
इस अवसर पर भारत और आस्ट्रेलियायी संबंधो की अति महत्व पूर्ण कड़ी क्रिकेट भी जुडेगा.इस मौके पर विशेष तौर पर आस्ट्रेलियायी क्रिकेट टीमे भी भारत मे मेच खेलेंगी.इस महोत्सव के तीन एम्बेसेडर भारतीय मूल के आस्ट्रेलियायी संगी्तज्ञ राघव सच्चर, जाने माने लेखक जॉन जुब्रीजिस्की और मशहूर आस्ट्रेलियाई शेफ गेरी मेघन अपनी कलाओं का भारत मे प्रदर्शन करेंगे. राघव अध्ययन के लिये आस्ट्रेलिया गये थे और अब वही बस गये है. इस महोत्सव के पहले कार्यक्रम के तहत जॉन की पुस्तक "जादूवाला, जगलर एंड जिन" का कल रात यहा लोकर्पण हुआ. वी एन आई से बातचीत मे जॉन ने बताया कि भारत के जा्दू के इतिहास के बारे में ये पुस्तक है. लगभग पच्चीस वर्ष पूर्व वे आस्ट्रेलिया उच्चायोग मे कार्यरत थे. उन्होंने कहा कि तब से ले कर भारत बहुत बदला है.समारोह मे भारतीय और आस्ट्रेलियायी संगीत के फ्युजन की संगीत रचना "द थ्री सीस" भा प्रस्तुत किया जयेगा जिस मे बंगाल के बाउल लोक संगीत के साथ आधुनिक आस्ट्रेलियायी जेज संगीत का फ्युजन होगा. इसी तरह आस्ट्रेलियायी व्यंजन भी महोत्सव का खास आकर्षण होंगे.गेरी ने वीडियों कॉफ्रेस के जरिये कहा कि आस्ट्रेलियायी व्यंजन और पेय निश्चय ही भारतीयो की जबान पर चटखारे ला देंगे. वी एन आई
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