नई दिल्ली (शोभना जैन/वीएनआई) पाकिस्तान मे तेजी से बदलता राजनैतिक घटनाक्रम और पहले से ही ताकतवर सेना के और बढते दबदबे के बीच भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के भविष्य को ले कर अनिश्चितता और बढ गई है. पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ अब एक बार फिर राजनीति की डोर थाम सक्रिय हो रहे है,और दूसरी तरफ ्कुछ समय पूर्व प्रधान मंत्री पद से हटाये गये नवाज शरीफ लंदन ्से वापस आ कर फिर से सक्रिय 'मॉड' मे नजर आ रहे है, इस समूचे घटनाक्रम के निश्चित तौर पर पाकिस्तान मे दूरगामी परिणाम होंगे.ऐसे मे फिर से यह सवाल पूछा जा रहा है कि पाकिस्तान मे सेना और वहा के राजनैतिक नेतृत्व के बीच जो लगातार वर्चस्व का संघर्ष चलता है क्या सेना जाधव का इस्तेमाल अपना वर्चस्व बढने या यूं कहे कि अपना एजेंडा आगे बढाने के लिये करेगी, और सम्भवतः इसी पृष्ठ्भूमि मे जाधव की किस्मत का फैसला ्लिया जायेगा.
जाधव को ले कर एक कदम आगे और दो कदम पी्छे की चाल खेलते हुए पाकिस्तान ने जहा जाधव को हाल ही मे अंतर राष्ट्रीय न्यायलय आई सी जे मे एक बार फिर "कौंसलर अक्सेस"( भारतीय उच्चायोग के अधिकारियो से मिलने की इजाजत) देने की अपील खारिज कर दी.पाकिस्तान ने आईसीजे में जाधव के लिए राजनयिक पहुंच के भारत के आग्रह को गत बुधवार को खारिज़ कर दिया और आरोप लगाया कि भारत इस मुलाकात के जरिये अपने जासूस की ओर से एकत्र की सूचना हासिल करना चाहता है. इसी क्रम् मे देखे तो पाकिस्तान पहले भी भारतीय उच्चायोग द्वारा जाधव को "कौंसलर अक्सेस" दिये जाने का आग्रह दसियो बार अस्वीकार कर चुकी है.जाधव को ले कर खास तौर पर पाकिस्तानमे जिस तरह की अफरा तफरी देखने को मिल रही है उसी पृष्ठभूमि मे अगर देखे तो पहले जाधव के किसी भी परिजन को उनसे मिलने देने मे आना कानी करने ,परिजनो का वीजा का आवेदन लंबे समय तक लटकाये जाने के बाद अन्ततः उन की मॉ को मिलने का वीजा दिया तो दिया लेकिन भारत द्वरा उनकी पत्नि को वीजा दिये जाने के आग्रह पर काफी दिनो तक सस्पेंस बनाये रखा अब आखिरकार उसने जाधव की पत्नि और मॉ को जाधव से मिलने के लिये वीजा देने और पाकिस्तान यात्रा के दौरान उन के साथ भारती्य उच्चायोग को साथ रखने के भारत के आग्रह को स्वीकार कर लिया. पाकिस्तान द्वारा तय किये गये कार्यक्रम के अनुसार यह मुलाकात आगामी २५ दिसंबर को पाकिस्तान मे होगी, जहा उनकी मॉ और पत्नि काल कोठरी मे रह रहे जाधव से मिलेंगी. भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा था कि जाधव के परिजनो की यात्रा के दौरान वह यह सुनिश्चित करे कि उनका किसी प्रकार का उत्पीड़न नही हो अब सब कि निगाहे इस बात पर लगी है कि आखिर इस मुलाकात मे क्या होगा और मुलाकात के दौरान जाधव ्कुछ आप बीती बता भी पायेंगे या नही , उनकी स्थति क्या होगी, और एक सवाल मुलाकात के बाद क्या ?,
एक तरफ जहा पाकिस्तान मे सेना सहित एक वर्ग हेग स्थित अंतर राष्ट्रीय न्यायलय मे जाधव की फॉसी पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश आने पर पाकिस्तान की फजीहत होने पर इस बात पर गुबार उतार रहे थे कि पाकिस्तान को इस मामले मे पक्षकार बनना ही नही होना चाहिये था.वैसे इस मामले की सुनवाई मे जहा अंतिम फैसला आने तक कुछ वर्ष लग सकते है, ऐसे मे यह सवाल बार बार उठता है कि पाकिस्तान क्या फॉसी पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश को मानता रहेगा-साभार लोकमत दैनिक समाचार पत्र ( लेखिका वी एन आई समाचार सेवा की प्रधान संपादक हैं)