लाहौर 14 फरवरी ( शोभना जैन/वीएनआई)पाकिस्तान के लाहोर में हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए सदियो पुराने एक ऐतिहासिक जैन मंदिर के अवशेष को गिरा दिया गया है।पाकिस्तानी पंजाब की विधानसभा के अनेक विपक्षी सदस्यो ने भी इस ऐतिहासिक मंदिर को नही गिराने कीं मॉग की थी लेकिन तमाम विरोध को दरकिनार करते हुए अधिकारियो ने मदिर को लाहोर मेट्रो परियोजना के रास्ते मे आडे आने की दलील दे कर इसे ढहा दिया. भारत और दुनिया भर के जैन समुदाय ने इस मंदिर को गिराये जाने पर गहरी चिंता और क्षोभ व्यक्त किया और कहा है कि अदालत के आदेश के बावजूद मदिर को जिस तरह से गिराया गया उससे पता चलता है कि पाकिस्तान मे कानून का शासन नही है.अखिल भारतीय दिंगबर जैन समाज के अध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी ने इस घटना पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया भर का जैन समाज् इस घटना से दुखी है. ऐतिहासिक और धार्मिक आस्था के प्रतीक इस मंदिर ्को जिस तरह से गिराया गया उससे पता चलता है वहा कानून की धज्जियॉ उडा दी गयी है.उन्होने कहा कि समुदाय की मॉग है कि पाक सरकार् द्वारा अविलंब इस मंदिर के लिये नया वैकल्पिक स्थान् दिया जाये और सरकार उसके पोन्र पुन्रनिर्माण पुन्र्निरर्माण को सुनिश्चित करे.
गौरतलब है कि लाहौर हाईकोर्ट ने इस क्षेत्र मे ऐतिहासिक महत्व की इमारत के 200 फीट के दायरे में सभी निर्माण कार्य स्थगित करने का स्थगन आदेश दिया था। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने भी पंजाब सरकार से इस परियोजना पर पुन्र विचार करने और ऐतिहासिक इमारतो के संरक्षण के बुनियादी मानवाधिकारो के रक्षा करने का आह्वान किया था लेकिन तमाम कानूनी आदेशो और तर्को को दरकिनार करते हुए यह मंदिर गिरा दिया गया.
मीडिया रिपोर्ट लाहोर के प्रसिद्ध अनारकली बाजार के पास स्थित इस मंदिर को भारत में 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के बाद भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। मंदिर के अवशेष हालांकि अब भी थे.पाकिस्तानी पंजाब की विधानसभा में विपक्षी नेता इस मंदिर को गिराने के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। वे विधानसभा में मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ मानहानि का प्रस्ताव ले आए हैं। मानहानि इसलिए कि पिछले माह ही उन्होंने एक प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया था कि इस मंदिर को किसी भी हालत में गिराया नहीं जाएगा। परसों जब इस मंदिर को ढहा दिया गया तो शाहबाज सरकार के खिलाफ विधानसभा में विरोधियों ने जमकर नारे लगाए, प्रदर्शन किया'
मुमताज कमाल नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पंजाब सरकार के विरूद्ध अदालत की मानहानि का दावा भी किया है।मुमताज का कहना है कि जनवरी में लाहौर हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि ऐतिहासिक महल की किसी भी इमारत से 200 फुट की दूरी में कोई मेट्रो आदि नहीं बनाई जाएगी। लेकिन पंजाब सरकार ने अदालत के इस आदेश का उल्लंधन कर दिया है। अब मंदिर की जमीन पर से ही मेट्रो गुजरेगी।
यह मंदिर जैन मंदिर था और अनारकली बाजार में बना हुआ था। इस मंदिर के कारण अनारकली बाजार का वह चौक जैन मंदिर चौक कहलाता था। इस मंदिर में आजकल भारत से गए मुस्लिम शरणार्थिर्यों ने अपने घर और दुकानें बना ली थीं।
पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने ऑरेंज लाइन मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए जैन मंदिर गिरा दिया था
इस मंदिर के साथ-साथ मंदिर परिसर के पास बने महाराजा बिल्डिंग और कपूरथला हाउस को भी गिरा दिया गया। कुछ और ऐतिहासिक इमारतो को भी गिरा दिया गया है और कहा गया है कि ये भवन लाहौर में बन रही मेट्रो के रास्ते में आ रहे हैं। पाकिस्तान में जैन-परिवार तो अब लगभग है ही नहीं.वी एन आई