सुन्न पड़ी व्यवस्था से सवाल पूछता चिली का शोक गीत

By Shobhna Jain | Posted on 7th Dec 2019 | VNI स्पेशल
altimg

नई दिल्ली, 07 दिसंबर, (शोभना जैन/वीएनआई) एक तरफ जहा भारत में निरंतर बढते जेंडर अपराधों और खास तौर पर इन अपराधों की भयावहता को ले कर आक्रोश चरम पर हैं, इस तरह के अपराधों पर पुलिस की निष्क्रियता और धीमी न्यायिक प्रक्रिया के चलते  समय से न्याय नहीं मिल पाने को ले कर जहा अनेक मुखर सवाल पूछे जा रहे हैं, वही लेटिनी अमरीकी देश चिली में इन दिनों जेंडर अपराधों को ले कर  महिलाओं द्वारा गाया जा रहा एक  विरोध गीत या सही मायनें में कहे तो "शोक गीत" तेजी से दुनिया भर  गाया जा  रहा हैं. ज्यादा दूर की बात न/न भी करें तो हाल ही में कठुआ की गुड़िया, हैदराबाद की डॉक्टर युवती, उन्नाव की  युवती  को जिस तरह से रेप के बाद पेट्रोल और तेल छिड़क कर जलाया गया, यह शोक गीत दुनिया की हर  औरत की व्यथा गान बनता हैं जो सवाल पूछता हैं कि क्या औरत होना उस की सजा हैं ?  

सवाल यह हैं कि इस शोक गीत की गूंज क्या ऐसे समाज में असर दिखा पायेगी जहा चीखें, गुहार  अक्सर  सुनी ही नही जाती. पिछलें 6 सप्ताह से अधिक वक्त से चिली में  चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन के साथ साथ अब वहा  महिलायें अपने खिलाफ अपराध और यौन हिंसा को ले कर निरंतर बढती घटनाओं  को ले कर भी उबल रही हैं, सड़कों पर उतर रही हैं. पिछले एक महीने से अधिक से चल रहे इन  प्रदर्शनों में यौन हिंसा के विरोध में महिलाएं एक लय और एक ताल के साथ  एक गीत गाकर खास अंदाज में भी प्रदर्शन कर रही हैं, समाज मे उन के साथ होने वाली दरिदंगी के साथ पुलिस की  उन अपर बढती र्बरबता के खिलाफ  वह उबल रही हैं. दर असल यह  लय ताल के संगम के साथ  की गई मुखर विरोध अभिव्यक्ति  का शोक गीत हैं.  पैरिस, बार्सिलोना, मेक्सिको सिटी जैसी शहरों में इस तरह के  शोक गीत के जरिये  महिलाएं  प्रदर्शन कर चुकी हैं. संयुक्त राष्ट्र के ऑकड़ों के अनुसार लतीनि अमरीका और केरिबियायी देशों में पिछले वर्ष ३५०० महिलायें जेंडर जनित हिंसा में मारी गयी.
 
राजधानी सैंटियागो में इस सप्ताह  हर उम्र की महिलाएं यौन हिंसा का विरोध करने के लिए एक खास तरीके काले कपड़ों में पहुंची महिलाएं लाल स्कॉर्फ पहनकर  ऑखों पर ्काली पट्टियॉ बॉध  कर प्रदर्शन किया. इसी सप्ताह हुए महिलाओं के इस प्रदर्शन ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा. महिलाओं ने इस प्रदर्शन के दौरान एक विशेष गीत गाया, जो अब धीरे धीरे दुनिया भर में जेंडर अपराधों के खिलाफ मुखर विरोध अभिव्यक्ति बनता जा रहा हैं.हैं गीत  'मेरी कोई गलती नहीं है...न/न ही गलती यह थी कि मैं कहां थी और न/न ही मैंने कैसे कपड़े पहने थे... बलात्कारी तुम हो ! एक बलात्कारी आपके रास्ते में ' महिलाओं का बहुत बड़ा समूह एक लय और ताल के साथ इस गीत के बोल के साथ नृत्य करते हुए सोशल मीडिया पर छा गई हैं। दरअसल महिलाओं के खिलाफ हिंसा  के अंतर राष्ट्रीय दिवस पर  गत २५ नवंबर को  महिलाओं ने यह प्रदर्शन किया.यह एक स्थानीय महिला ग्रुप  "लास टेसिस"सद्वारा इस इस का आयोजन किया गया जिस में  अचानक सभी उम्र की महिलायें  शामिल हुई. शोक गीत अनेक सवाल  पूछता हैं " पितृआत्मक  व्यवस्था न्यायाधीश है जो सवाल पूछती हैं तुम पैदा क्यों हुई , और हमारी सजा हैं वो दरिंदगी जो किसी को दिखाई नही देती"


महिलाओं के साथ होनेवाले अपराध के खिलाफ अभी तक कई देशों में इसी तरह के प्रदर्शन किए जा चुके हैं. दर असल सबसे पहले चिली में इस तरह का प्रदर्शन समुद्र किनारे बसे शहर वालपाराइसो में हुआ था. प्रदर्शनकारी महिलाओं के खिलाफ पुलिस बल प्रयोग के बाद आंदोलन तेज हुआ और देश की राजधानी में बहुत बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ. दर असल चिली में  भारत सहित दुनिया के अनेक हिस्सों की तरह रेप के कुल मामलों में केवल  सजा पाने की दर बेहद कम हैं यानि यहा ऐसे आठ प्रतिशत मामलों में ही सजा मिलती है. प्रदर्शन  में शामिल महिलाओं ने बड़े ही मार्मिक ढंग से इन अपराधों से निबटने में चिली की पुलिस,न्यायिक प्रणाली के नाकाम रहने  पर प्रहार करते हुए चिली पुलिस के राष्टृ गान को उद्ध्त करते हुए गाया जिस मे पुलिस  कहती हैं "शांति से सो जाओं मेरी निर्दोष बच्ची, उस दुष्ट से बेखौफ हो कर सोओं, तुम्हारी निर्दोष मुस्कान, सुहाने सपने , सब की निगेबानी कर रहा हैं तुम्हारा अपना पुलिस अंकल" निश्चय ही जिस समाज में मॉ की बगल से दो माह की मासूम बच्ची को एक वहशी  ले जाता हैं, जिसे अपने होने का ज्ञान नही वह उस की दरिंदगी का शिकार हो जाती हैं.बच्ची मर जाती हैं, जिंदा जला दी जाती हैं,्वहा पुलिस अंकल, धीमी न्यायिक प्रणाली और मामलों में पुलिस की निष्क्रियता धीमी न्यायिक प्रणाली को ले कर तमाम सवाल उठते हैं और  फिर एक नया हादसा हो जाता हैं
.
 गौरतलब हैं कि पिछले महीने ही चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टिन पिन्येरा ने पूरी कैबिनेट को निलंबित कर दिया था. राष्ट्रपति ने कई सामाजिक सुधारों की मांग की थी, जिसे लागू करने की भी प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं.चिली के अलग-अलग शहरों में लाखों की संख्या में लोग सरकार विरोधी प्रदर्शन लगातार जारी है। इस प्रदर्शन में 10 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. 1990 में तानाशाह अगुस्तो पिनोशे के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन हैअक्टूबर में प्रदर्शन की शुरुआत मेट्रो किराए में हुई वृद्धि के साथ हुआ था और उसके बाद से देश में असामनता और आर्थिक क्षेत्र में व्याप्त गैर-बराबरी के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन शुरू हो गए। चिली में बड़े पैमाने पर समाज के सभी वर्गों के लोग प्रदर्शन सामाजिक आर्थिक समानता की मांग पर प्रदर्शन कर रहे हैं.प्रदर्शनकारी देश पर 30 साल से शासन कर रहे अगुस्तो पिनाशेट के राज के अंत की मांग कर रहे हैं.
 
चिली में प्रदर्शनकारियों को खिलाड़ियों, कलाकारों और जानी-मानी हस्तियों का भी समर्थन मिल रहा है। मशहूर गायिका मोन लाफर्ते ने लास वेगस में रेड कॉर्पेट पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की क्रूरता पर अपना खामोश विरोध दर्ज किया। उन्होंने सीने पर पुलिस क्रूरता के खिलाफ संदेश दिया और प्रदर्शनकारियों के साथ सहमति जताई। चिली की फुटबॉल टीम ने भी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में एक मैच नहीं खेलने का ऐलान किया है.चिली लातिन अमरीका का धनी देश रहा है, लेकिन यहां गैर-बराबरी बड़ी समस्या है। चिली के राष्ट्रपति ने नए सामाजिक सुधार लागू करने का वादा किया था जिसमें न्यूनतम मानदेय, वेतन और पेंशन सुधार शामिल हैं.

तो सवाल फिर वही.. इस तरह के  शोक गीत कब असर दिखाई देंगे....वीएनआई


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Quote of the Day
Posted on 14th Nov 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india