ब्रिक्स सम्मेलन4 सितंबर (वी एन आई)सीमा पार से आतंक को झेल रहे भारत की चिंताओ को आज ब्रिक्स का बड़ा समर्थन मिला चीन सहित ब्रिक्स देशो ने हर तरह के आतंकवाद ्को कड़ाई सेनिबटने का आह्वान करते हुए लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और तालिबान जैसे आतंकी गुटो की नाम ले कर आतंकी हरकतो कीनिंदा की.यह चेतावनी निश्चय ही सीमा पार से आतंक को झेल रहे भारत की चिंताओ को ब्रिक्स का समर्थन मिला है इसमें पाकिस्तान का हालांकि सीधे तौर पर नाम नहीं लिया गया है, लेकिन उसकी जमीन से जो आतंकी संगठन काम करते हैं, उनका साफतौर पर इसमें जिक्र किया गया है. कहा गया है कि कहीं भी किसी भी तरह और किसी का आतंकी हमला मंजूर नहीं. किसी भी तरह का आतंकवाद जायज नहीं. नाम लेकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और तालिबान की निंदा की. इसमें अलकायदा, हक्कानी और आईएस की भी निंदा की गई
इस घोषणापत्र में कहा गया है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को जवाबदेह ठहराना ज़रूरी है. आतंकवाद के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय सहयोग ज़रूरी है और आतंकी संगठनों की वित्तीय मदद रोकी जाए.ब्रिक्स सम्मेलन चीन के राष्ट्रपति ने कहा, 'ऐसे उपाय करें कि आतंकियों को छिपने की जगह न मिले'
ब्रिक्स की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि शांति और विकास के लिए सहयोग जरूरी है. एकजुट रहने पर शांति और विकास संभव है. उन्होंने कहा कि हमारे देश का युवा होना हमारी सबसे बड़ी ताकत है. भारत ने काले धन के खिलाफ जंग छेड़ी है. गरीबी से लड़ने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया. हम स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. पीएम मोदी ने आगे का कि ब्रिक्स में पांचों देश एक बराबर हैं. ब्रिक्स बैंक ने कर्ज देना शुरू किया है, इससे पांच सदस्य देशों को फायदा होगा. वहीं शी चिनफिंग ने कहा कि हम सभी देशों के एक ही आवाज में सभी की समस्याओं को लेकर बोलना चाहिए, ताकि विश्व में शांति और विकास आगे बढ़ सके. मौजूदा समय में दुनिया के हालात को देखते हुए, ब्रिक्स देशों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.