ताशकंद,23 जून (शोभनाजैन/वीएनआई)भारत द्वारा एनएसजी की सदस्यता हासिल करने के लिये जोरदार राजनयिक प्रयासो के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज यहा चर्चित मुलाकात हुई. भारत की सदस्यता पर चीन के विरोध के बीच भारत ने चीन से अनुरोध किया कि ४८ सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता विशिष्ट समूह, भारत के आवेदन पर भारत के गुणो ,तथ्यों व परमाणु मसले पर उसके अब तक के बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर विचार करे, हालांकि चीनी राष्ट्रपति ने इस पर अभी अपने रुख को साफ नहीं किया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद अपने संक्षिप्त बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन में भारत की सदस्यता को समर्थन के लिया धन्यवाद कहा और चीन के राष्ट्रपति ने भारत का इस संगठन में स्वागत किया. प्रवक्ता ने कहा कि पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति से भारत की एनएसजी सदस्यता पर निष्पक्ष व वस्तुपरक ढंग से विचार करने को कहा.प्रवक्ता ने मीडिया के उन सवालों पर कुछ नहीं कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस पर अपनी क्या प्रतिक्रिया दी है. विकास स्वरूप ने कहा कि एनएसजी में सदस्यता एक जटिल और नाजुक प्रकिया है, जिस पर हमें इंतजार करना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के दबदबे वाले समूह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंचे हैं. यहां पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. भारत की सदस्यता पर चीन का रुख अब तक भ्रम में डालने वाला विरोधात्मक स्वरूप वाला है. उधर, सूत्रों ने खबर दी है कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में एनएसजी की दो दिवसीय बैठक में आज फिर भारत की सदस्यता के सवाल पर विचार कर दिया जायेगा. कल चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत की सदस्यता के सवाल पर अबतक तीन बार अनौपचारिक वार्ता हुई है. बैठक शुरू हो चुकी है, सूत्रो के अनुसार बैठक मे जापान ने भारत की सदस्यता का प्रस्ताव रखा. विदेश सचिव एस जयशंकर राजनयिक प्रयासो को और तेज करने स्वयं सोल मे है.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी का यहां पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उज्बेक प्रधानमंत्री शौकत मीरोमोनोविच मिरजियोएव विशेष सम्मान जताते हुए मोदी की आगवानी के लिए खुद ताशकंद हवाई अड्डा पहुंचे.वी एन आई