मुंबई,21 जनवरी (अनुपमा जैन/ वीएनआई) महाराष्ट्र सरकार ने 'सैरोगेट मां' के जरिए पैदा हुए बच्चों के मामले में ऐसी सरकारी महिला कर्मचारियों माँ को भी 180 दिन का मातृत्व अवकाश देने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा। सूत्रों के अनुसार इस तरीके से पैदा होने वाले बच्चे और मॉ के बीच रिश्ते को मजबूत करने के लिए, माँ को बच्चे के साथ ज्यादा वक्त गुजारने का वक्त मिल सकने के नजरिये को ध्यान में रख यह कदम उठाया गया है.
हालाकि सरकारी महिला कर्मचारियों को इसके लिए लिखित रूप से संस्थान को अवगत करना होगा। साथ ही इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सैरोगेसी गाइडलाइन का भी महिलाओं को पालन करना होगा और तमाम सम्बद्ध दस्तावेज देने होंगे ।
मातृत्व अवकाश महिलाओं को बच्चों के जन्म से लागू होगए और वे सेवा अवधि के दौरान केवल एक बार इसकी सुविधा मिलेगी। गौरतलब है कि मातृत्व अवकाश के लिए 180 दिनों का अवकाश मिलता है जबकि गोद लिए हुए बच्चों के लिए 90 दिनों की है।
इस घोषणा के अनुसार इस तरह का मातृत्व अवकाश सिर्फ उन्हें ही मिलेगा जिनकी अपनी पैदा अथवा गोद ली हुई संतान नहीं है इसके लिए क़ानून में संशोधन किया जा रहा है .यह क़ानून सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों कॉलेजों और कृषि विश्वविद्द्यालयो पर भी लागू मुबंई उच्च न्यालय ने पिछले वर्ष व्यवस्था दी थी की सरोगेसी माँ को भी मातृत्व अवकाश मिलना चाहिए.देश के कई भागो में अलग अलग न्यायालय भी कई बार ऐसी व्यवस्था दे चुकी है.