बेंगलुरू 27 अगस्त (अनुपमा जैन वीएनआई) टेनिस स्टार और दुनिया की नंबर-1 महिला डबल्स खिलाड़ी नंबर-1 महिला डबल्स खिलाड़ी सानिया ने अपने बेहतरीन खेल से देश का गौरव बढाते हुए बेशक करोड़ों भारतीयों के मन मे अपनी जगह बनाई हो पर 2012 के परौलीपिक में पुरुष वर्ग के ऊंची कूद यानी हाई जम्प में सिल्वर मेडल हासिल ्करने वाले पैरालिंपियन एच.एन गिरिशा की अपील पर सानिया मिर्जा को राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किए जाने के खेल मंत्रालय के फैसले पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड देश का सर्वोच्च खेल सम्मान है, पैरालिंपियन एच.एन गिरिशा ने इस फैसले को होई कोर्ट में चुनौती दी थी। एच एन. गिरिशा ने लंदन ओलंपिक 2012 के परौलीपिक में पुरुष वर्ग के ऊंची कूद यानी हाई जम्प में सिल्वर मेडल हासिल किया था और ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय हैं। इसके अलावा गिरशा ने 2014 के इंचियान एशियन पैरा गेम्स मे कांस्य पदक भी जीता था
गिरिशा के वकील के अनुसार कोर्ट ने सानिया मिर्ज़ा और केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर 2 हफ़्तों के अंदर जवाब मांगा है। साथ ही साथ कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया है कि अगर सानिया मिर्ज़ा को इस बीच अवॉर्ड दे दिया जाता है तो ऐसी सूरत में कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाए और इस मामले में कोर्ट का फैसला अवॉर्ड देने के बाद भी मान्य होगा यानी कर्नाटक हाईकोर्ट अगर गिरिशा के पक्ष में फैसला देता है तो सानिया मिर्ज़ा को अपना अवॉर्ड केंद्र को लौटाना होगा।
इससे पूर्व खेल मंत्रालय ने दुनिया की नंबर-1 महिला डबल्स खिलाड़ी सानिया को उनके शानदार खेल के लिए खेल रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया था पर गिरिशा के अनुसार देश के सबसे बड़े खेल अवॉर्ड के असली हकदार वही हैं। गिरिशा के अनुसार मंत्रालय परफॉर्मेंस पर आधारित पॉइंट सिस्टम के मुताबिक ही अवॉर्ड विजेता का नाम तय करता है और मैं 90 पॉइंट के साथ इसमें सबसे ऊपर हूं लेकिन सानिया नंबर-1 के आसपास भी नहीं हैं
गिरिशा ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि सानिया ने ग्रैंड स्लैम टाइटल जीता है लेकिन मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, सिर्फ 2011 से लेकर अब तक ओलंपिक्स, एशियाड, कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप्स पर ही विचार किया जाता है।’ गौरतलब है कि सानिया ने अपना पहला महिला डबल्स ग्रैंड स्लैम जून महीने में स्विस पार्टनर मार्टिना हिंगिस के साथ जीता था। इस बड़ी जीत से पहले वह दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी बनी थीं।