पाकिस्तान के अड़ंगे के बावजूद पाक स्थित भारतीय उच्चायोग मे मनेगा अंतर राष्ट्रीय योग दिवस

By Shobhna Jain | Posted on 10th Jun 2015 | VNI स्पेशल
altimg
नई दिल्ली, 10 जून ( शोभनाजैन,वीएनआई) भारत की पहल पर पाकिस्तान सहित दुनिया भर मे आगामी 21 जून को योग दिवस मनाये जाने के कार्यक्रम पर पाकिस्तान के अड़चन डाले जाने के बावजूद पाक स्थित भारतीय उच्चायोग मे योग प्रदर्शन का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होगा. पाकिस्तान सरकार द्वारा इस आयोजन के लिये दो भारतीय योग् प्रक्षिशको को वीजा नही दिये जाने के बावजूद इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग मे योगाभ्यास का कार्यक्रम वहा तैनात भारतीय स्टॉफ स्वंय करेगा. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अनुसार भारत ने वहा इस आयोजन के लिये इन प्रशिक्षको को वहा भेजने के लिये वीजा दिये जाने का आवेदन किया था लेकिन ये आवेदन नामंजूर कर् दिये गये. सवालो के जबाव् मे श्रीमति स्वराज ने दो टूक शब्दो मे कहा कि\" ्पाकिस्तान ने भले ही वीजा नामंजूर कर दिया हो, लेकिन उच्चायोग मे इस आयोजन को लेकर कोई दिक्कत नही है, हमने अपने उच्चायोग के अंदर इसकी व्यवस्था कर ली है.हमे वहा अपने इस कार्यक्रम को करने के लिये उनके सहारे की जरूरत नही है.\'एक अन्य सवाल के जबाव मे उन्होने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से इस आयोजन करवाने की बाबत कोई बातचीत नही की,उन्होने हमारे योग प्रक्षिक्षको को वीजा नही दिया, ऐसे मे हमे उनकी मंशा तो समझ आ ही गयी है.गौरतलब है कि भारत ने बारी बारी से इन योग प्रक्षिशको को वीजा दिये जाने का आग्रह किया था लेकिन इसे पाकिस्तान ने नामंजूर कर दिया. वैसे समाचारो के अनुसार पाकिस्तान मे भी योग का अभ्यास् जोर पकड़ रहा है, और कई योग ट्रेनर चर्चाओ मे है.पाकिस्तान के इस रवैये के बीच एक दिलचस्प खबर यह है कि एक पाकिस्तानी योग टृएनर ने एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था कि योग के प्रणेता ऋषि पतंजलि पाकिस्तान के ही रहने वाले थे और योग पाकिस्तान से ही आरंभ हुआ। इसके साथ ही चैनल ने पाकिस्तान में लोगों को योग करते हुए भी दिखाया था। योग दिवस आयोजन को लेकर गर्मा्यी राजनीति को लेकर पूछे गये सवालो के जबाव मे श्रीमति स्वराज ने स्पष्ट किया \' इन आयोजनो मे हिस्सा लेने को ले कर किसी के लिये भी कोई भी बाध्यता नही है, जो भी इन कार्यक्रमो मे हिस्सा लेगा वह स्वेच्छा से लेगा, मजबूरी से नही लाया जायेगा.\' भारत मे इस आयोजन को लेकर कुछ अल्पसंख्यक वर्गों मे उत्पन्न आशंकायों को विराम देने के प्रयासस्वरूप श्रीमति स्वराज ने सवालो के जबाव मे कहा कि योग को धर्म से जोड़ना सही नही है दरअसल इस तरह की तमाम आशंकाये जानकारी के अभाव मे पनपी है. जब 47 इस्लामी देश इस कार्यक्रम से जुड़े है, इसे मना रहे है तो यह आशंकाय और धारणाये सही नही है. गौरतलब है कि मुस्लिम देशो के संगठन ओ. आइ. सी. के 47 सदस्य देश अपने अपने यहा यह आयोजन कर रहे है जिसमे सउदी अरब , इंडोनेशिया, दुबई जैसे देश भी शामिल है. गौरतलब है कि भारत विदेशो मे अपने दूतावासो के सहयोग से आगामी २१ जून को दुनिया भर 191 देशो मे योगाभ्यास के कार्यक्रम कर रहा है और इस कार्यक्रम मे सहयोग देने के लिये उसने दुनिया भर मे अपने योग प्रशिक्षक भेजे है., सरकार के अलावा जाने माने योगगुरु और अपनी पहल पर स्वयं जनता ने बड़े पैमाने पर इस कार्यक्रम से जुड़ने का लक्ष्य रखा है, उम्मीद है कि 21 जून को दुनिया भर मे करोड़ो लोग भारत की इस पहल से जुड़ कर योगाभ्यास करेंगे श्रीमति स्वराज ने कहा \' योग दिवस मनाने की भारत की पहल के पीछे उद्देश्य ही यही है कि हिंसा ग्रस्त विश्व शांति के और लौटे, योग एक सॉफ्ट पॉवर है, भारत का प्रयास है कि दुनिया भर मे हिंसा की प्रवृति खतम हो, भारत के लिये योग मानव कल्याण और सिर्फ मानव कल्याण हैगौरतलब है कि गत सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महा सभा के 69वें आम सभा सत्र में अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने के विचार पर औपचारिक प्रस्ताव दिया था, बाद मे संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने के भारत के प्रस्ताव पर अपनी मोहर लगा दी थी । इस ऐलान के साथ ही अब हर साल 21 जून को दुनिया भर में \'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस\' मनाया जाएगा, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में इस आशय के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया था। भारत के साथ रिकार्ड 177 सदस्य देश न केवल इस प्रस्ताव के समर्थक बने बल्कि इसके सह-प्रस्तावक भी बने, ओ आई सी देश भी इस प्रस्ताव के सह प्रस्तावक बने थे। प्रस्ताव के सहप्रायोजकों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थाई सदस्य भी हैं। भारत में 5000 वर्ष से भी पहले जन्मी योग पद्धति के चाहने वाले आज पूरी दुनिया में हैं- वीएनआई

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india