भारत श्रीलंका के बीच अहम असैन्य परमाणु उर्जा करार

By Shobhna Jain | Posted on 11th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली 16 फरवरी ( शोभना जैन,वी एन आई) भारत तथा श्री लंका ने आज मौजूदा दौर को आपसी संबंधो को बढाने का \'अभूतपूर्व अवसर\'मानते हुए द्विपक्षीय सहयोग बढाने का एक नया एजेंडा तय किया जिसके तहत दोनो देशो ने रक्षा क्षेत्र मे सहयोग बढाने की प्रतिबद्धत्ता व्यक्त करते हुए असैन्य परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिये सहयोग करने के अहम करार पर हस्ताक्षर किये .इस अवसर पर प्रधान मंत्री ्नरेन्द्र मोदी ने श्री लंका के साथ विकास की साझीधारी मे सह्योग जारी रखने की प्रतिबद्धत्ता व्यक्त करते हुए कहा \' यह घड़ी एक अभूतपूर्व अवसर है जबकि हम अपने द्विपक्षीय संबंधो को नयी उंचाईयो पर ले जा रहे है. राष्ट्रपति सिरीसेना की भारत यात्रा उसी का ठोस उदाहरण है.\' प्रधान मंत्री मोदी ने असैनय परमाणु उर्जा करार को दोनो देशो के बीच भरोसे का एक अन्य प्रतीक बताते हुए कहा कि श्री लंका दक्षिण एशिया का पहला देश है जिसके साथ भारत ने असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग का फैसला किया है. उन्होने कहा कि इससे दोनो देशो के बीच कृषि तथा स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रो मे सहयोग के नये अवसर खुले है इस अहम समझौते के अलावा दोनो देशो ने कृषि, संस्कृति तथा नालंदा विश्व विद्द्यालय मे श्री लंका के सहयोग दिये जाने के समझौते के साथ आपसी सहयोग बढाने की भी प्रतिबद्धत्त व्यक्त की .आज राजधानी के हैदराबाद हाउस मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के बीच हुई शिखर बैठक के बाद दोनों देशों के बीच इस आशय के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।असैनय परमाणु उर्जा सहयोग समझौते के तहत दोनो देशपरमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिये जानकारी और दक्षता का हस्तातंरण और आदान प्रदान क्षेत्र मे सहयोग , संसाधनो की साझीदारी व विशेषज्ञो के प्रशिक्षण क्षेत्र मे सहयोग कर सकेंगे. साथ ही समझौते मे परमाणु सुरक्षा.विकिरण सुरक्षा, परमाणु, विकिरण आपदा प्रबंधन तथा पर्यावरण सुरक्षा शामिल है . राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्र के रूप में सिरीसेना चार दिवसीय भारत यात्र पर कल यहां आए हैं. आज शिखर वार्ता मे उन्होंने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के बारे में भी प्रधानमंत्री से व्यापक चर्चा की. िस सिलसिले मे दोनो देशो के वाणिज्य सचिवो के बीच जल्द ही वार्ता किये जाने की भी घोषणा की गयी. इस अवसर पर दोनो नेताओ के बीच भारतीय मछुआरो की समस्या तथा भारत मे श्री लंकाई शरणार्थियो की स्वैछिक वापसी के मसले पर भी व्यापक चर्चा हुई.इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने एक मीडिया बयान मे कहा कि दोनो ही देश मछुआरे मसले का रचनात्मक तथा मानवीय आधार पर हल निकालने पर एक मत है.श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भी इस पर प्रसन्नता का इजहार करते हुए कहा कि हम अपनी मित्रता और संबंधों को मजबूत बनाने के लिए कई निर्णयों पर पहुंचे हैं और्हमारे रिशते प्रगति कर रहे है,उन्होने कहा कि दोनो देशोके संबंध बहुत पुराने है ,दोनो के बीच आपसी सहयोग बढने की काफी संभावनाये हैभारत और पड़ोसी देश श्रीलंका ने सोमवार को अपने संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत की। भारत दौरे पर आए श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से एक असैन्य परमाणु सहयोग है। श्री सिरिसेना ने कहा कि मार्च में मोदी के श्रीलंका दौरे की उम्मीद है और वे इस दौरे का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह दौरा उनके देश के लिए सम्मान की बात होगी। प्रधान मंत्रीमोदी ने भी कहा कि वे अपनी अगले माह की प्रस्तावित श्री लंका यात्रा की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे है दोनों पक्षों ने इस शिखर वार्ता के दौरान श्रीलंका में शांति व सुलह प्रक्रिया को लेकर भी वार्ता की। आठ जनवरी को हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर सिरिसेना को बधाई देते हुए मोदी ने कहा, \"भारत श्रीलंका का सबसे नजदीकी पड़ोसी और मित्र है। भारत के लोगों की सद्भावना व समर्थन हमेशा आपके साथ है।\"प्रधानमंत्री ने कहा, \"भारत तथा श्रीलंका आर्थिक सहयोग की व्यापक संभावनाओं के द्वार खोलने के लिए प्रतिबद्ध हैं।\" उन्होंने कहा कि भारत को श्रीलंका के साथ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार होने पर प्रसन्नता होगी। हमने दोनों दिशाओं में अधिक संतुलित विकास के लिए समर्थन व्यक्त किया है। दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा सहयोग सहित अपने रक्षा व सुरक्षा सहयोग के विस्तार पर सहमति जताई। आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर मोदी ने कहा कि भारत श्रीलंका के बीच काफी व्यापार हो रहा है और उन्होंने दोनों दिशाओं में संतुलित व्यापार में अधिक वृद्धि तथा भारत से ज्यादा से ज्यादा निवेश तथा पर्यटकों के श्रीलंका पहुंचने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मित्रता से न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत हमारा समर्थन करेगा और दोनों देशों के बीच समझ और विकसित होंगे। संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए हम पारस्परिक समझ पर काम करने को सहमत हैं और यह बेहद स्पष्ट है। श्री मैत्रीपाला ने कहा कि उनका भारत का पहला आधिकारिक दौरा बेहद फलदायी रहा है और इसने संबंधों को एक नई ऊंचाई देने में मदद की है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भविष्य में दोनों पक्ष रक्षा, अर्थव्यवस्था तथा संस्कृति के क्षेत्र में संबंधों को और प्रगाढ़ करेंगे।उन्होंने इस दौरे को संबंधों में मील का पत्थर करार दिया। गौरतलब है कि श्री मैत्रीपाला ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिये भारत को चुना है, जिसे दोनो देशो के संबंधो के लिये सकारात्मक माना जा रहा है इससे पूर्व श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना का आज राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। सिरीसेना अपनी पत्नी जयंती सिरीसेना के साथ अपनी पहली सरकारी यात्रा पर कल् शाम यहां पहुंचे।आज सुबह राष्ट्रपति भवन मे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका स्वागत किया। बाद में उन्हें सेना के तीनों अंगों की संयुक्त गारद ने सलामी दी। इस अवसर पर मुखर्जी ने उनका केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों से उनका परिचय कराया। सिरीसेना राष्ट्रपति भवन से सीधे राजघाट गए और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर फूल चढ़ाए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बाद में बाद मे होटल जाकर श्री लंका के राष्ट्रपति से शिष्टाचार भेंट की। इसके बाद सिरीसेना की प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई । श्री लंका के राष्ट्रपति कल् शाम भारत की की चार दिवसीय यात्रा पर राजधानी ्पहुंचे थे.वी एन आई

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