नई दिल्ली,२८ नवंबर (वी एन आई) नोटबंदी को ले कर विपक्ष ने आज देश भर मे सड़क से लेकर संसद के अंदर भारी विरोध प्रदर्शन किया.विपक्षी दलो ने नोटबंदी के खिलाफ आज अपनी अपनी तरह विरोध प्रदर्शन किये. कही इस मुद्दे पर विपक्ष एक जुट दिखाई दिया तो कही उन्होने अलग से विरोध प्रदर्शन किया गया तो लेफ्ट फ्रंट ने विरोध स्वरूप भारत बंद का अह्वान किया गया. संसद भवन के अंदर भी कॉग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गॉधी की अगुआई मे विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया जबकि मार्क्सवादी पार्टी सहित अनेक दलो ने इस मुद्दे पर भारत बंद का आह्वान किया तृण मूल और कॉग्रेस इस मसले पर विरोध दिवस मना रहे है.बंगाल मे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व मे वहा एक विशाल जन विरोध रेली हुई.इस के साथ ही देश के अनेक भागो से विरोध प्रदर्शन कीखबरे आ रही है. इसी बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने आज सुबह अपने मंत्रियों से इस मुद्दे पर मुलाकात की है.
इसी बीच संसद के सदनो मे आज भी इस मसले पर भारी हंगामा और नारेबाजी हुई और शीत कालीन सत्र शुरू होने के पहले दिन से ही यानि १६ नवंबर से ही इस मुद्दे को ले कर गत गत संसद ठप्प है.विपक्ष इस मसले पर प्रधान मंत्री के सदन मे आ कर चर्चा मे हिस्स लेने की मॉग कर रहा है. उनका कहना है प्रधान मंत्री संसद से तो बाहर इस मुद्दे पर देश भर मेबोल रहे है, लेकिन संसद मे नही बोल रहे है
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज विपक्ष के हंगामे के बीच संसद को आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर पीएम मोदी नोटबंदी पर जारी बहस में बोलेंगे.
केंद्रीय मंत्री अनन्त कुमार ने कहा क्या विपक्ष साफ कर सकती है कि दरअसल उनका मत क्या है. इस तरह का बयान इसलिए भी आया क्योंकि कांग्रेस और ममता बनर्जी का नोटबंदी पर विरोध को लेकर अलग अलग रुख है. विपक्ष ने यह भी कहा है कि पीएम की वजह से ही ्विरोध दिवस/भारत बंद हुआ है क्योंकि वह संसद में अपने फैसले को समझा नहीं पा रहे हैं.
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजा़द ने कहा है कि 'हमारा आह्वान 'जन आक्रोश दिवस' के लिए था, अगर भारत बंद के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए तो वह पीएम खुद हैं.' नोटबंदी के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन में कम से कम 10 विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया है. हालांकि भारतबंद का आह्वान सिर्फ लेफ्ट ने ही किया है.
तृणमूल कांग्रेस की बनर्जी चाहती हैं कि नोटबंदी के फैसले को वापस ले लिया जाए. वहीं कांग्रेस और अन्य पार्टियों का कहना है कि काले धन पर रोक लगाने के इस फैसले को वापस न लिया जाए लेकिन ग्रामीण भारत इस फैसले से जिन मुसीबतों से जूझ रहा है, उसका जल्द से जल्द निवारण किया जाए.
विपक्ष की मांग है कि पीएम संसद में आकर सफाई दें ताकि विमुद्रीकरण के इस मुद्दे पर अटकी कार्यवाही आगे बढ़ सके. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज संसद में हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. उधर लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह रुकावट पीएम के संसद में जवाब देने के बाद ही दूर हो पाएगी.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी भारतबंद का हिस्सा नहीं है लेकिन वह नोटबंदी का कड़ा विरोध करती हैं. उन्होंने कहा 'बीजेपी को खुलासा करना चाहिए कि पिछले 10 महीनों में उन्होंने कितना पैसा बैंकों में जमा करवाया है.' यह बयान उस रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है जिसके मुताबिक इस फैसले से पहले बिहार में ज़मीन की खरीदी में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई थी.
कल यूपी के कुशीनगर में पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि हम भ्रष्टाचार और कालाधन बंद करने में लगे हैं और कुछ लोग भारत बंद करने में लगे हैं.
्जबकि कांग्रेस ने साफ किया कि उसने सोमवार को 'भारत बंद' का आह्वान नहीं किया है, लेकिन नोटबंदी के मुद्दे पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. पार्टी नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला राजनीतिक कदम है, जिसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के रूप में भुनाया जा रहा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होगी, क्योंकि नीतीश ने 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का समर्थन किया है. नीतीश का कहना है कि नोटबंदी से कालेधन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी. ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) भी विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं लेगा. पार्टी के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर की रात को नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद से लोग गंभीर नकदी संकट से जूझ रहे हैं. बैंकों और एटीएम के बाहर लगातार लंबी कतारें देखी जा रही हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि आम जनता के बहुत बड़े तबके ने नोटबंदी के फैसले का भरपूर स्वागत किया है.वी एन आई