नई दिल्ली,07 फरवरी(अनुपमा जैन,वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय राजनयिकों से आह्वान किया कि वे ‘पुरानी रूढीवादी मानसिकता’ त्याग कर और भारत को विश्व में महज एक संतुलन कारी शक्ति की बजाए उसे एक अग्रणी भूमिका में स्थापित करने मे जुटे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक वातावरण एक नायाब मौका है, जिसमें पूरी दुनिया भारत के साथ मेल करने को उत्सुक है और भारत पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।
दुनिया भर में स्थित भारतीय मिशनों के 110 से अधिक ्राजदूतो और उच्चायुक्तो ्के चार दिवसीय सम्मेलन का उदघाटन करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि वे इस नायाब मौके का इस्तेमाल करें और वैश्विक तौर पर एक संतुलनकारी शक्ति के बजाय भारत को अग्रणी भूमिका निभाने वाली स्थिति मे स्थापित करने मे जुटे। इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह तथा विदेश सचिव एस.जयशंकर मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने मिशन प्रमुखों से आग्रह किया कि वे पुराने रूढिवादी विचारों को छोड़कर बदलती वैश्विक स्थितियों मे अपने को ढाले।भारत को विश्व में स्थापित करने में मिशनों की भूमिका के बारे में मोदी ने कहा कि वे भारत के गौरवशाली विरासत के \'तेजस्वी जीवंत प्रतिनिधि\'हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत के विकास की प्राथमिकता तथा विदेशों में भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए उनसे ्खुले दिलो दिमाग से व अनथक काम करने का आग्रह किया
ईक्कीसवी सदी की चुनौतियों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति व समृद्धि के लिए नए तत्व व नए खतरे उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सदा दुनिया में शांति तथा भाईचारे के पक्ष में खड़ा रहा है। विश्व शांति के रास्ते में आने वाली चुनौतियों से मुकाबले में मदद भारत की बड़ी जिम्मेदारी है। जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि प्रकृति प्रेम भारत की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा अल्प अवधि में भारी तादाद मे सह प्रायजको के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने के भारत के प्रस्ताव का श्रेय उन्होंने भारतीय राजनयिक समुदाय को दिया।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने भारतीय प्रवासियों को देश की महत्वपूर्ण ताकत के रूप में मान्यता दी है और मिशन प्रमुखों को इस ताकत के इस्तेमाल के लिए नवीन तरीके निकालने के लिए कहा।
इससे पहले, प्रधानमंत्री तथा मंत्रियों ने उन अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने विदेशों में देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने जवाहरलाल नेहरू भवन में विदेश मंत्रालय की स्मारक पट्टिका का भी लोकार्पण किया। वी एन आई